"चुप हूँ तो खुद को शहनशाह मत समझ बोलने पर आया तो तुझे तेरी औकात दिखा दूंगा..!
Copy
24
कुछ तो बात है मोहब्बत में वरना एक लाश के लिए कोई ताजमहल नहीं बनाता |
Copy
26
वो न ही मिलती तो अच्छा था, बेकार में मोहब्बत से नफरत हो गई..! ❤️
Copy
32
ऐ मोहब्बत तुझे पाने की कोई राह नहीं, शायद तू सिर्फ उसे ही मिलती है जिसे तेरी परवाह नही
Copy
25
बेहद ख्याल रखा करो तुम अपना, मेरी आम सी जिन्दगी मैं बोहोत ख़ास हो तुम !
Copy
33
हमें जरूरत ही क्या हमारे प्यार को साबित करने की जब हमारे चेहरे की खुशी सब जाहिर कर देती है। ?❤️
Copy
28
कैसे गुज़र रही है सब पूछते है , कैसे गुजारता हु कोई नहीं पूछता |
Copy
62
अच्छा लगता है ? जब कोई कहता है, कोई बात नहीं, मै हूं ना तुम्हारे साथ। ?
Copy
67
अजीब सी आदत है अपनी, नफरत हो या मोहब्बत बड़ी शिद्दत से करते हैं ।??
Copy
166
किसी से नाराजगी इतने वक्त?️तक ना रखो कि वह तुम्हारे बगैर ही जीना सीख जाए…!!?
Copy
22
तकदीर ऐसे ही नहीं बदलती, पहले अपनी सोच को बदलना पड़ता है .
Copy
245
वो लोग क्यों मिलते ही दिल में उतर जाते है, जिन लोगो से किस्मत के सितारे नहीं मिलते..
Copy
17
कल थे मिले,फिर क्यों लगे ऐसे… तुमसे मिले अरसा हुआ जैसे…
Copy
150
पूछा जो हमनें किसी और के होने लगे हो क्या, वो मुस्कुराकर बोले पहले तुम्हारे थे क्या.
Copy
7
पता नहीं सुधर गया के बिगड़ गया, ये दिल अब किसी से बहस नहीं करता..!
Copy
27
तुम जब कहोगे हम तब मिलेंगे, लेकिन एक शर्त पर, न घड़ी तुम पहनोगे, न वक्त हम देखेंगे।❤️❤️
Copy
115
सच्ची दोस्ती एक अच्छे स्वास्थ की तरह है, खोने पर ही उसकी महत्वता पता चलती है
Copy
234
कुछ हार गई तकदीर कुछ टूट गये सपने, कुछ गैरों ने किया बरबाद कुछ भूल गये अपने..!!?
Copy
34
हर बात दिल पे लगाओगे तो रोते रह जाओगे , जो जैसा है उसके साथ वैसा बनना सीखो.
Copy
1K
ऐ दिल थोड़ी सी हिम्मत कर ना यार, दोनों मिल कर उसे भूल जाते है
Copy
402
जो होकर भी ना हो.. उसका होना कैसा... नाम के रिश्तों से शिकवा कैसा..रोना कैसा....
Copy
122
रोये बगैर तो प्याज भी नही कटता, यह तो जिंदगी है जनाब, ऐसे-कैसे कट जाएगी..?
Copy
32
मेरा दिल सिर्फ तुम्हारे लिए धड़कता है
Copy
88
पैर में मोच और गिरी हुई सोच, कभी इंसान को आगे बढ़ने नहीं देती
Copy
1K
तेरे बिना जीना बोहोत मुश्किल है ... और तुझे ये बताना और भी मुश्किल .
Copy
127
नाम देने से कौन से रिश्ते सँवर जाते हैं...जहाँ रूह न बँधे दिल बिखर जाते हैं..
Copy
559
दिखावे के शरीफ बनने की आदत नही है, ?हमारे शब्द चाहे जैसे भी हो खुलेआम बोलते है | ?
Copy
70
मुझे भी ज़िन्दगी में तुम ज़रूरी मत समझ लेना, सुना है तुम ज़रूरी काम अक्सर भूल जाते हो…!!
Copy
86
मुझे इन्तजार था कि तुम समझो मुझको तुमने समझा दिया कि बस इन्तज़ार करो |
Copy
33
मुझे भी अब नींद की तलब नहीं रही,अब रातों को जागना अच्छा लगता है…
Copy
132