हमने तो एक ही शख्स पर चाहत खत्म कर दी अब मोहब्बत किसे कहते हैं हमे मालूम नहीं
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ऐ दिल थोड़ी सी हिम्मत कर ना यार, दोनों मिल कर उसे भूल जाते है
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जब तेरी याद आती है ना आँखे तोह मान जाती है पर यह कम्बख्त दिल रो पड़ता है
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नहीं मिलेगा तुझे कोई हम सा, जा इजाजत है ज़माना आजमा ले !!
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एक खूबसूरत सा रिश्ता यूँ खतम हो गया..हम दोस्ती निभाते रहे…..और उसे इश्क हो गया
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कुछ सोचना चाहिए था उसे, हर सितम से पहले,मै सिर्फ दीवाना नहीं था, इन्सान भी था...
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मुझे फरक नहीं पड़ता,,,,अब क़समें खाओ या जहर..!!
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वो किसी की खातिर मुझे भूल भी गया तो कोई बात नहीं ,हम भी तो भूल गये थे सारा ज़माना उस की खातिर
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हमारा उसका अब रिश्ता न पूछो तालुक तो है मगर टुटा हुआ है
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कभी मौका मिले तो सोचना ज़रूर कि एक लापरवाह शख़्स तेरी इतनी परवाह क्यूं करता है
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शक करना गलत था पर शक बिलकुल सही था
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क्या इतने दूर निकल आये हैं हम, कि तेरे ख्यालों में भी नही आते ?
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जिस दिल में तेरा नाम बसा था हमने वो दिल तोड़ दिया ना होने दिया बदनाम तुझे तेरा नाम ही लेना छोड़ दिया
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पता है तकलीफ क्या है किसी को चाहना फिर उसे खो देना और खामोश हो जाना
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साथ छोडने वालो को तो बस.. ऐक बहाना चाहिए। वरना निभाने वाले तो मौत के दरवाझे तक साथ नही छोडते।
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क्या खूब मजबूरियां थी मेरी भी अपनी ख़ुशी को छोड़ दिया ” उसे ” खुश देखने के लिए
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भुला दूंगा तुझे ज़रा सब्र तो कर , तेरी तरह मतलबी बनने में थोड़ा वक़्त तो लगेगा ही।
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खुश हो ना हमारा प्यार अधूरा रह गया.. पर तेरा टाइमपास पूरा हो गया ..
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अगर किसी दिन तुम्हें रोना आए तो कॉल जरूर कर लेना, हंसाने की गारंटी तो नहीं लेता पर तेरे साथ जरूर रहूंगा
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"उतर जाते है कुछ लोग दिल में इस कदर इन्हे दिल से निकालो तो जान निकल जाती है..."
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बात करने से ही बात बनती है..बात ना करने से, बातें बन जाती है ..!
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ज़िंदगी में मोहबत का पौधा लगाने से पहले ज़मीन परख लेना, हर एक मिटटी की फितरत में वफ़ा नहीं होती दोस्तो !!
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वो सिर्फ मेरी थी, लेकिन सिर्फ मेरे सामने
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याद करोगे एक दिन मुझे ये सोच कर की क्यों नहीं कदर की मैंने उसके प्यार की
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आवाज़ नहीं होती दिल टूटने की. लेकिन तकलीफ बहुत होती हैं.
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बहुत करीब आकर बताया उसने कि तुम्हारा नहीं हूं मैं....
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तेरी-मेरी राहें तो कभी एक थी ही नहीं, फिर शिकवा कैसा और शिकायत कैसी
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उसे क्या फर्क पड़ता है बिछड़ने क्या, सच्ची मोहबत तो मेरी थी उसकी तो नही थी
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ना चाँद अपना था और ना तू अपना था ...!! काश दिल भी मान लेता की सब सपना था
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लोग कहते हैं समझो तो खामोशियाँ भी बोलती हैं , मैं अर्सों से खामोश हूँ वो बरसों से बेखबर है
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