क्या करोगे अब मेरे पास आकर खो दिया तुमने मुझे बार-बार आजमा कर..
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मुस्कुराने के बहाने जल्दी खोजो वरना जिन्दगी रुलाने के मौके तलाश लेगी।
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हम तो दिल ❤️ के बादशाह हैं, जो सुनते भी दिल की है, और करते भी दिल की है |
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मत पूछ कैसे गुजर रही है जिंदगी , उस दौर से गुजर रहा हूँ जो गुजरता ही नहीं है
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हाथ में घड़ी ⌚ कोई भी बंदी हो… लेकिन वक़्त अपना होना चाहिए ?
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इश्क़ होना था हो गया, अब किसी दूसरे का हो जाना, मुमकिन नहीं है..!
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लक्ष्य भले छोटा हो, पर उसे पूरा करने का संकल्प बडा होना चाहिए ! ??
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झूठी शान के परिंदे ही ज्यादा फड़फड़ाते है बाज़ की उड़ान में कभी आवाज़ नहीं होती |?
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मुहब्बत कब हो जाए किसे पता, हादसे पूछ कर नही हुआ करते ❤️?
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शीशे की तरह साफ़ हूँ फिर भी न जाने क्यू अपनों की समझ से बाहर हूँ..?
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तुम बिन जिया जाए कैसे …कैसे जिया जाए तुम बिन…
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तन्हा रहना तो सीख लिया , पर खुश ना कभी रह पायेगे , तेरी दूरी तो सह लेता दिल मेरा, पर तेरे प्यार के बिन ना जी पायेंगे।
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लम्बा सफ़र तय करना है तो...ठोकरों से मुलाकात लाज़मी है...!!
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जिंदगी का खेल शतरंज से भी मज़ेदार होता है, लोग हारते भी है तो अपनी ही रानी से
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तूने तो कहा था हर शाम गुजरेगी तेरे साथ ! तू बदल गया या तेरे शहर में शाम नहीं होती। ❤️
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जिसके बदले तुम मिल जाओ, ऐसा कोई गुनाह करना चाहता हूँ.
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औकात नहीं है दुश्मनो की आँख से आँख मिलाने की, और बात करते हैं साले घर से उठाने की..!!
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सोचा था कि बताएंगे सब दर्द तुमको, पर तुमने तो इतना भी न पूछा कि ख़ामोश क्यों हो |?
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हमें मत सिखा बदमाशी के कानून, अगर हमनें शराफत छोड़ दी तो तू बकील ढूँढता रह जायेगा ??
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पलटकर देख लेते तुम ? तो फिर इकरार हो जाता, उलझनें सारी मिट जाती, और फिर से प्यार हो जाता |❤️
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रेस जब लंबी हो तो घोड़े चलते हैं और गधे दौड़ते हैं।
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छोड़ दिया हमने अब उन गलियों से गुजरना, जहाँ हमें देखने के लिए कभी वो इंतज़ार किया करती थी।
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गिरे हुए लोगों को उठाना नही ? भूलना सीखो। ??
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सुकून की तलाश में तुम्हारी आँखों में झाँका था, किसे पता था कम्बखत दिल का दर्द और मिल जाएगा |?
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मैं भी तलाश में हूँ, अब किसी अपने की..कोई आप सा तो हो, लेकिन किसी और का ना हो..
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छूकर भी जिसे छू न सके, वो चाहत होती हैं इश्क़ , कर दे फना जो रूह को, वो इबादत होती हैं इश्क़
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कुछ नही मिलता बस एक सबक़ मिल जाता हैं, ख़ाक हो जाता हैं इंसान, ख़ाक से बने इंसान के पीछे।।
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हार की परवाह करने वाले को जीत नसीब नहीं होती।
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कहाँ से लाऊं वो नसीब, जो तुझे मेरा कर दे...
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मत पूछ शीशे से उसके टूटने की वजह, उसने भी मेरी तरह किसी पत्थर को अपना समजा होगा
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