गलती उसकी नहीं मेरी ही थी, अंजाम पता था, फिर भी दिल लगा बैठे.
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वो लम्हा मेरी ज़िन्दगी का बड़ा अनमोल होता है.. जब तेरी बातें, तेरी यादें, तेरा माहौल होता है...
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कोई तन दुखी, कोई मन दुखी, कोई धन बिन रहत उदास | थोड़े थोड़े सब दुखी, सुखी सिर्फ मेरे सतगुरु के दास ||
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हजारों ने दिल हारे है तेरी सूरत देखकर, कौन कहता है तस्वीर जुआँ नही खेलती..??
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अभी तो उनसे नजरें मिली ही थीं, कि हम अपना दिल वहीं छोड़ आये! कहने को तो बहुत कुछ था, पर कम्बखत वक़्त को हम रोक न पाये!!
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उसे क्या फर्क पड़ता है बिछड़ने क्या, सच्ची मोहबत तो मेरी थी उसकी तो नही थी
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छड्ड दे फिकरा कल दिया, तूं हस के अज गुज़ार, कल जो होना होके रहना, आपे भली करू करतार वाहेगुरु जी
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"जिंदगी अपने तरीके से जी कर तो देखिए खुशिया खुद ब खुद तुम्हे ढुंडते आएगी…"
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बड़े संभल कर चल रहे थे, ज़िन्दगी के सफर में, उसने एक नज़र देखा और हम गुमराह हो गए ??
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किस्मत सिर्फ मेहनत करने से बदलती है बैठ कर सोचते रहने से नहीं
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जरुरी नहीं चुभे कोई बात ही, बात ना होना भी बहुत चुभता है |?
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दुख में अक्सर जज्बात मर जाते हैं, मगर इंसान जीना सीख जाता है ✔️
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तुझे हक है अपनी दुनिया ? में खुश रहने का, मेरा क्या है? मेरी तो दुनिया ही अधूरी ? है।
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नियत अच्छी हो और मेहनत सच्ची हो, तो कामयाबी ज़रूर मिलती हैं...
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आदत हो गई है नफरत की अब मोहब्बत अच्छी नहीं लगती।
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एक तो मेरा एकलौता प्यार.... ऊपर से तेरे नखरे
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बात करने से ही बात बनती है..बात ना करने से, बातें बन जाती है ..!
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मिल ही जाएगा कोई ना कोई टूट के चाहने वाला,अब शहर का शहर तो बेवफा हो नहीं सकता| ?
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पछतावा अतीत नहीं बदल सकता, और चिंता भविष्य..!!?❤️
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ना साथ है किसी का, ना सहारा है कोई, ना हम किसी के हैं ना हमारा है कोई.
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सवाल करने वाले तो बहुत मिलते है , लेकिन बिना सवाल किये ख्याल रखने वाले नसीब से मिलते है..
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मोहब्बत सिर्फ लफ्जो से बयां नहीं होती,अदाओ में भी कुछ राज छूपे होते है.?
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मुसाफ़िर कल भी थी मुसाफ़िर आज भी है, कल अपनों की तलाश में थी आज अपनी तलाश में हूँ!!!?
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मुद्दतें हो गईं हैं चुप रहते , कोई सुनता तो हम भी कुछ कहते
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पढ पढ के हो गया BORE और उपर से ऐ KATRINA ,केह रही है तेरी Ore तेरी Ore.
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लाज़मी है तुम्हारा खुद पर गुरूर करना, हम जिसे चाहे वो मामूली हो भी नहीं सकता..??
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कई बार ये सोचके दिल मेरा रो ? देता है, की मुझे ऐसा क्या पाना था जो मैंने खुद को भी खो दिया |?
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मेरे ज़ज्बात की कदर ही कहाँ, सिर्फ इलज़ाम लगाना ही उनकी फितरत है !!
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ना चाँद अपना था और ना तू अपना था ...!! काश दिल भी मान लेता की सब सपना था
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वक़्त से लड़कर जो अपना नसीब बदल दे, इंसान वही जो अपनी तकदीर बदल दे,
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