कोई एक शख्स तो युं मिले.. कि वो मिले , तो सुकून मिले..!!
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फैसला ! नहीं हो पा रहा, तनहा ! रात है या मै ...
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13
दिलो मे रहता हु, धड़कने थमा देता हु - मे इश्क हु - वजूद की धजिया उड़ा देता हु
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अगर पहले हम ये जन लें की हम कहाँ पर हैं और हम किस दिशा में जा रहे हैं, तो हमें क्या और कैसे करना चाहिए इसका बेहतर निर्णय कर सकते हैं
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कुछ पाने के लिए कुछ खोना नहीं..कुछ करना पड़ता है
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169
जो हमसे बात नहीं करते, वो दूसरों से हमारी ‘बात’ करते है ।
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जिनको मेरा हाथ पकड़ना चाहिए था वो मेरी एक गलती पकड़े बैठे है |
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बात इतनी मधुर रखो कि, कभी खुद भी वापिस लेनी पड़े तो कड़वी ना लगे..!!❤️
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150
तू मिले या न मिले ये तो मुक़द्दर की बात है मगर सुकून बहुत मिलता है तुझे अपना सोच कर
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301
टूटे हुए सपनो और छुटे हुए अपनों ने मार दिया, वरना ख़ुशी खुद हमसे मुस्कुराना सिखने आया करती थी |?
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उसके सिवा किसी और को चाहना मेरे बस में नहीं हे , ये दिल उसका हे , अपना होता तो बात और होती
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तुम सिखाओ अपने दोस्तों को हथियार चलाना हमारे दोस्त तोह पहले से ही बारूद है
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162
साथ मेरे बैठा था, पर किसी और के करीब था , वो मेरा अपना सा लगने वाला किसी और का नसीब था।।??
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23
सब कुछ पा लिया तुमसे इश्क़ करके बस कुछ रह गया तो वो तुम हो...??
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256
मोहब्बत तो मेरी आधी रह गई, मगर खुश हूँ मैं क्यूंकि उसका टाइम पास तो पूरा हो गया ||
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37
एकतरफ़ा तो नहीं था प्यार हमारा फिर भी ना जाने क्यूं अधूरा रह गया |
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मोहब्बत सिर्फ लफ्जो से बयां नहीं होती,अदाओ में भी कुछ राज छूपे होते है.?
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अब अगर तुम जाने ही लगे हो तो पलट कर मत देखना, *क्योकि मौत की सजा लिखने के बाद कलम तोड़ दी जाती है*
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परेशान करते थे मेरे सवाल तुमको.. तो बताओ पसंद आयी खामोशी मेरी....
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28
मैने तो बस तुमसे बेइंतहा मोहबत कि है , ना तुम्हे पाने के बारे मे सोचा है ना खोने के बारे मे
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खुद वो बदलाव बनिए जो दुनिया में आप देखना चाहते हैं
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तू चालाकी से कोई चाल तो चल, जीतने का हुनर मुझ में आज भी हैं ! ?
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उनकी नफरत बता रही है, हमारी मोहब्बत गज़ब की थी ?
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एक बार मेरी तरफ नज़रे उठा कर तो देखो, तमाम उम्र किसी और को नज़र उठा के देखु तो कहना।
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14
खुशिया मांगी थी मैंने खुदा से अपने लिया और देखो न मुझे तुम मिल गए
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शिकायत नहीं है मुझे किसी से बस नजरों से गिर गए है कुछ लोग ।
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चालाकी कहा मिलती है मुझे भी बताओ दोस्तों, हर कोई ठग लेता है जरा सा मीठा बोल कर.?
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शराफत का जमाना ही नहीं रहा साहिब, किसी को इज्ज़त दो तो वो कमज़ोर समझ लेता है !!✔️✔️
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बिन धागे की सुई सी बन गई है ये ज़िंदगी ...सिलती कुछ नहीं ... बस चुभती चली जा रही है ...
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