हमेशा याद रखना, बेहतर दिनों के लिए बुरे दिनों से लड़ना पड़ता हैं
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शुक्र है दिल सिर्फ धड़कता है, बोलता तो कयामत आ जाती.
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वो हाल भी ना पूछ सके...हमे..बे-हाल देख कर......हम हाल भी...ना बता सके... उसे खुश-हाल देख कर.......
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780
जब अपने ही परिंदे किसी और के दाने के आदी हो जाएं.. तो उन्हें आज़ाद कर देना चाहिए..?
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104
तुमको भी कहाँ जरूरत है मेरी, तुम्हारे लिये तो मैं भी बिछड़ा हुआ जमाना हूँ.....!!
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या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता| नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम: ||
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काश ! वो सुबह नींद से जागे तो मुझसे लड़ने आए, कि तुम होते कौन हो मेरे ख़्वाबों में आने वाले
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रंग तो मौसम और बादल भी बदलते है, पर तुम जैसा कोई नही |?
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तू पनाह मेरी, तू साया मेरा ….तू मंजिल मेरी, मैं मुसाफ़िर तेरा…
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ये दोस्ती भी एक रिश्ता है, जो निभा दे वो फरिश्ता है..!!
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नसीब का सब खेल है वरना मोहब्बत तो हम भी दीवाने की तरह किये थे.
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जिंदगी ने जख्म बहुत दिए, लेकिन हरेक को सिल लेता हूं। डार्लिंग तुम आलू उबालो, मैं मटर छील लेता हूं
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तबाहियों का दौर है जनाब, शांति की उम्मीद हमसे मत रखना!?
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तेरी आदत इस तरह लगी है तारीफ किसी की भी करू ख़याल तेरा ही आता है !!
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अंजाम की ख़बर तो मीरा को भी थी, बात सिर्फ मोहब्बत निभाने की थी...!!
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17
इतना भी ना चाहो किसी को वो चला जाये और ज़िन्दगी बेरंग और गुमनाम हो जाए..
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24
बताओ तो कैसे निकलता है जनाज़ा उनका, वो लोग जो अन्दर से मर जाते है !!??
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जिन्हें नींद नहीं आती उन्हीं को मालूम है सुबह आने में कितने जमाने लगते है
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सफर बहुत कठिनाई से भरा था, तुमने हाथ थामा और खूबसूरत हो गया.!
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कुछ दोस्त पकोड़े जैसे होते हैं थोड़ा सा ध्यान ना दो तो जल जाते हैं
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तेरी-मेरी राहें तो कभी एक थी ही नहीं, फिर शिकवा कैसा और शिकायत कैसी
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जहाँ सच✅ ना चले वहां झूठ❎ ही सही जहाँ हक? ना चले वहां लूट ही सही?
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मुँह पर सच बोलने वाले बत्तमीज़ नहीं, दिल के साफ़ होते हैं..??
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वक़्त बहुत कुछ छीन लेता है खैर मेरी तो सिर्फ मुस्कुराहट थी
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39
मेरी आत्मकथा.... सिर्फ तुम्हारी कहानी है....
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कहेते है इश्क ऐक गुनाह है जिसकी शरुआत दो बेगुनाहो से होती है.
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वक्त और हालात रिश्तों को बदल देते है; अब तेरा जिक्र होने पर हम बात बदल देते है||
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यक़ीं न आए तो इक बार पूछ कर देखो जो हँस रहा है वो ज़ख़्मों से चूर निकलेगा...
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खुद की पहचान बनाने में जो मजा है, वो किसी की परछाई बनने में नहीं।?
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हौसले बुलंद ? हो तो तकदीर भी सलाम ठोकती है..! ?
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