"बादशाह नहीं बाज़ीगर से पहचानते हैं लोग हमें, क्योंकि हम रानियों के सामने झुका नहीं करते !!"
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तू छूट कर, क्यों छूटा नहीं ,कुछ तो जुदा है अभी ,मैं टूट कर, क्यों टूटा नहीं
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अच्छा हुआ की तुमने मुझे छोड़ दिया, मुझे तेरा प्यार चाहिये था, तेरा एहसान नहीं।😎
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बिछड़ कर फिर मिलेंगे यकींन कितना था, था तो ख्वाब, मगर हसीन कितना था |
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जो मजा अपनी पहचान बनाने में है, वो किसीकी परछाई बनने में कहा |
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अगर आप जिद्दी हो तो आप अपने हर सपने को हकीकत में बदल सकते हो
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मैं तुमको सिखाना चाहता था कि प्रेम कैसे किया जाता है पर तुमने मुझे सिखा दिया कि प्रेम नही करना चाहिए।
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चले जाने दो उस बेवफ़ा को किसी और की बाहों में जो इतनी चाहत के बाद मेरा ना हुआ वो किसी और का क्या होगा
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सुना था मोहब्बत मिलती है, मोहब्बत के बदले || हमारी बारी आई तो, रिवाज ही बदल गया ||🥺🥺
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गुल गई गुलशन गई, गई होंठो की लाली, अब तो मेरा पीछा छोड़, तू हो गई बच्चो वाली। 😂😂
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क्यूँ नहीं महसूस होती उसे मेरी तकलीफ जो कहते थे बहुत अच्छे से जानते हैं तुझे.🥺
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एक घुटन सी होती है दिल में जब कोई दिल में तो रहता है पर साथ नहीं.!
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हम ऊंची आवाज़ पसंद नहीं करते, ख़ामोश रहो या औकात में 😠😠
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नही बस्ती किसी और की सूरत अब इन आंखों में, काश हमने तुझे कभी इतने गौर से न देखा होता |🤩🤩
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पलटकर देख लेते तुम 👩 तो फिर इकरार हो जाता, उलझनें सारी मिट जाती, और फिर से प्यार हो जाता |❤️
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पता नहीं तेरे लगाये हुए ज़ख्म क्यूँ नहीं भरते, मेरे लगाये हुए तो पेड़ भी सूख जाते हैं |
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मत पूछ शीशे से उसके टूटने की वजह, उसने भी मेरी तरह किसी पत्थर को अपना समजा होगा
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जितनी दफ़ा ज़िद्द हो मेरी...उतनी दफ़ा तू चाहिए!✨🤍
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प्यार आज भी तुझसे उतना ही है बस तुझे एहसास नहीं और हमने भी जताना छोड़ दिया
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नमो नमो दुर्गे सुख करनी. नमो नमो अम्बे दुःख हरनी.!
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मत किया कर ऐ दिल किसी से मोहब्बत इतनी , जो लोग बात नहीं करते वो प्यार क्या करेंगे. ..!
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हैसियत का कभी अभिमान न करना उड़ान ज़मीं से शुरू और जमीं पे ही ख़त्म होती है 🦅
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जिस चीज़ का तुम्हे खौफ है, उस चीज़ का हमे शौंक है।
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इश्क का धंधा ही बंद कर दिया साहेब, मुनाफे में जेब जले, और घाटे में दिल..!!💯💯
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जिंदगी देने वाले , मरता छोड़ गये, अपनापन जताने वाले तन्हा छोड़ गये, जब पड़ी जरूरत हमें अपने हमसफर की, वो जो साथ चलने वाले, रास्ता मोड़ गये”
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जाते वक्त बहोत गुरूर से कहा था उसने.... "तुम जैसे हजार मिलेंगे" मैंने मुस्कुरा कर कहा.... " मुझ जैसे की ही तलाश क्यों
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किस्मत की गुलामी नहीं करता, मै अपनी मेहनत का नवाब हूं |💪💪
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हारना मंज़ूर है मुझे पर, खेल तो में बड़ा ही खेलूंगा,🎲
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बहुत अंदर तक तोड़ डालता है, वह अश्क जो आंखों से बह नहीं पाता |
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