मुद्दत के बाद जिन्दगी फिर से मुस्कुराने लगी है , किसी की धडकन हमें अपना बनाने लगी है...!!
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होने दो जरा उन को भी तनहा.... याद हम भी उन्हें बेहिसाब आएंगे..
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ग़ालिब ने खूब कहा है - ऐ चाँद तू किस मज़हब का है , ईद भी तेरी और करवाचौथ भी तेरा
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कुछ तो खास है जो तुझे मुझसे जोड़े रखता है वरना इतना माफ़ तो मैंने खुद को भी नहीं किया.
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क्या नाम दूँ मैं अपनी मोहब्बत को, कि ये तेरा सिवा किसी और से होती ही नहीं..!!?
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माना कि तुझसे दूरियां कुछ ज्यादा ही बढ़ गई हैं पर तेरे हिस्से का वक़्त आज भी तन्हा गुजरता है
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रूठना हुस्न का हक है मनाना आशिक की इबादत |
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मुझे किसी के बदल जाने का कोई गम नही बस कोई था जिससे ये उम्मीद नही थी
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हर नई चीज अच्छी लगती है, मगर दोस्त पुराने ही अच्छे लगते है..!
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अंदाजा ताकत का लगाया जाता है हौसले का नहीं।
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जितनी दफ़ा ज़िद्द हो मेरी...उतनी दफ़ा तू चाहिए!✨?
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सारी दुनिया रूठ जाए मुझे कोई दुख नहीं बस एक तेरा खामोश रहना... मुझे अन्दर तक तकलीफ़ देता है..
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मुझे पसंद है शांत रहना इसे मेरी कमजोरी मत समझना |?
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जो इश्क़ दूरियों में भी बरकरार रहे वो, इश्क़ ही कुछ और होता है.
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वो दिल ही क्या जो वफ़ा ना करे, तुझे भूल कर जिएं कभी खुदा ना करे, रहेगी तेरी दोस्ती मेरी जिंदगी बन कर, वो बात और है, अगर जिंदगी वफ़ा ना करे.......!
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यकीनन मुझे तलाशती हैं तेरी आँखें....ये बात अलग है,, तुम ज़ाहिर नही होने देते...
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पहला प्यार और आखिरी एग्जाम को हम कभी सीरियस नहीं लेते ?
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तू गुजर जाये करीब से.... वो भी मुलाकात से कम नहीं..
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मुसाफ़िर कल भी थी मुसाफ़िर आज भी है, कल अपनों की तलाश में थी आज अपनी तलाश में हूँ!!!?
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सिंगल होने का दुख नही है, ? गम इस बात का है, कि साला कोई यकीन नही करता | ?
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उसे ये कोन बतलाये, उसे ये कोन समझाए कि खामोश रहने से ताल्लुक टूट जाते है
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22
हम खुद से बिछड़े हुये लोग हैं, तुमसे क्या मिल पायेंगे |
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मंजिल मेरे कदमों से अभी दूर बहुत है... मगर तसल्ली ये है कि कदम मेरे साथ हैं
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मुझे आज भी याद है तुम्हारा वो मुझसे पहली बार बात करना |
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मत पूछ कैसे गुजर रही है जिंदगी , उस दौर से गुजर रहा हूँ जो गुजरता ही नहीं है
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पहले तुम ही दुनिया लगते थे.. अब तुम भी दुनिया निकले..!!
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दूरियां तो पहले ही आ चुकी थीं, इस ज़माने में, एक बीमारी ने आकर इल्ज़ाम अपने सर ले लिया.❤️
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शर्त लगी थी ख़ुशी को एक अलफ़ाज़ में लिखने की, लोग किताबें ढूंढ़ते रह गए हम ने दोस्त लिख दिए |
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कुछ लोगो को कितना भी अपने बनाने की कोशिश कर लो वो साबित कर देते है कि वो गैर ही है |
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नाम की दोस्ती काम की यारी दूसरो की तरह ये आदत नहीं हमारी |❤️?
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