काश रोने से नसीब बदल जाता, कसम तुम्हारी आंसुओं से दुनिया डुबो देते ??
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वो जान गया हमें दर्द में भी मुस्कुराने की आदत है; इसलिए वो रोज़ नया दुःख देता है मेरी ख़ुशी के लिए।
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लोग कहते है हम मुस्कराते बहुत है…और हम थक गए दर्द छुपाते छुपाते…
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918
महानता कभी ना गिरने में नहीं है, बल्कि हर बार गिरकर उठ जाने में है
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103
आदत बदल सी गई है वक़्त काटने की , हिम्मत ही नहीं होती अपना दर्द बांटने की
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119
क्यूँ उदास बेठे हो इस तरहा अंधेरे मैं, दुःख कम नहीं होते रौशनी बुझाने से
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25
दर्द सिर का हो या दिल का..दोनों बहुत बुरे होते है?
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843
धड़कनों को कुछ तो काबू में कर ऐ दिल अभी तो पलके झुकाई है मुश्कुराना बाकि है |
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23
अजीब अंदाज़ है मेरे महबूब की मासूमियत का, मैं तस्वीर में भी देखूँ तो वो पलकें झुका लेती है |??
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75
कितनी महँगी पड़ी मुझे मुस्कुराने की अदा, सब अकेला छोड़ गए मुझे ये कहकर क़ि तुम तो अकेले भी खुश रह लेते हो
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नफ़रत करना तो हमने कभी सीखा ही नहीं, मैंने तो दर्द को भी चाहा है, अपना समझ कर |?
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29
गलती उसकी नहीं मेरी ही थी, अंजाम पता था, फिर भी दिल लगा बैठे.
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15
मत हटाया करो यूँ दुपट्टे अपने चेहरे से, सीधा सा दिल मेरा बेइमान होने लगता है।
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24
हारने के बाद भी खड़ा होना चाहिए, इंसान का संघर्ष इतना बड़ा होना चाहिये |
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42
तबाहियों का दौर है जनाब, शांति की उम्मीद हमसे मत रखना!?
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66
जो दिल के खास होते है, वो हर लम्हा आस-पास होते है |
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151
नब्ज तो चल रही है आज भी मेरी पर, वो हकीम कहता है, मैं मर चुका हूं मोहब्बत में !
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10
इस छोटी सी उम्र में कितना कुछ लिख दिया मैंने, उम्रें लग जायेंगी, तुम्हे मुझे पूरा पढ़ने में।
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845
चले जाने दो उस बेवफ़ा को किसी और की बाहों में जो इतनी चाहत के बाद मेरा ना हुआ वो किसी और का क्या होगा
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38
लोग वाकिफ हैं मेरी आदतों से रूतबा कम ही सही पर लाजवाब रखता हूँ |
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15
वो वक़्त कुछ और था, वो इश्क़ का दौर था, ये वक़्त कुछ और है, ये ख्वाहिशों का दौर है.!
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21
ज़रूरी नहीं हर गिफ्ट कोई चीज़ ही हो, प्यार, केयर, रेस्पेक्ट भी अच्छा गिफ्ट ही है |
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सारा जहां है जिसकी शरण में, नमन है उस माँ के चरण में
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कमज़ोर बदला लेते है मजबूत माफ़ करते है समझदार नज़रअंदाज़ करते है |❤️?
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मोत से पहेले भी ऎक मौत होती हे..! देखो जरा तुम जुदा होकर किसी से..!
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वो आईना देख मुस्कुरा के बोली, बेमौत मरेगा मुझ पर मरने वाला..!!?️
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मेरे दिल का दर्द किसने देखा है, मुझे बस खुदा ने तड़पते देखा है ,हम तन्हाई में बैठे रोते है,लोगो ने हमे महफ़िल में हस्ते देखा है।
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दिखावे के शरीफ बनने की आदत नही है, ?हमारे शब्द चाहे जैसे भी हो खुलेआम बोलते है | ?
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पहली बार देखा था, उसे गुस्सा करते हुए अच्छा लगा था, उसका मुझ पर हक़ जताते हुए |??
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मुद्दत के बाद जिन्दगी फिर से मुस्कुराने लगी है , किसी की धडकन हमें अपना बनाने लगी है...!!
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