जय श्री राधा सनेह बिहारी जी ॥
Copy
31
बाज कभी कबूतरों के साथ उड़ान नहीं भरता..!
Copy
45
माना कि तुझसे दूरियां, कुछ ज्यादा ही बढ़ गई हैं, पर तेरे हिस्से का वक़्त आज भी तन्हा गुजरता है |
Copy
24
ऐसी कोई मंजिल नहीं जहां तक पहुंचने का कोई रास्ता ना हो .
Copy
251
“रास्ते मुश्किल है पर हम मंज़िल ज़रूर पायेंगे ये जो किस्मत अकड़ कर बैठी है इसे भी ज़रूर हरायेंगे।”?
Copy
153
सो जाया करो जल्दी कभी – कभी, ख्वाबो को तुम्हारा इंतज़ार रहता है
Copy
121
सपनों को पाने के लिए समझदार नहीं पागल बनना पड़ता है। ??
Copy
111
माना कि तुझसे दूरियां कुछ ज्यादा ही बढ़ गई हैं पर तेरे हिस्से का वक़्त आज भी तन्हा गुजरता है
Copy
17
एक शख्स जो मुझे रोज़ सताता है, मगर सुकून भी ना जाने क्यों, उसी के साथ आता है.?
Copy
117
मुद्दत के बाद जिन्दगी फिर से मुस्कुराने लगी है, किसी की धडकन हमें अपना बनाने लगी है| ?
Copy
55
कण कण में विष्णु बसें जन जन में श्रीराम प्राणों में माँ जानकी मन में बसे हनुमान ! जय श्री राम
Copy
47
बात पैसे ? की नहीं होती है बात टाइम ⏱️ की होती है टाइम खराब हो तो पैसा भी साथ छोड़ देता है |?
Copy
123
उस दिन चैन तो तुम्हारा भी उड़ेगा जिस दिन हम तुम्हे लिखना छोड़ देंगे |
Copy
205
तेरा मेरा रिश्ता ताले चाबी जैसा है, कोई और आया तो तोडना ही पड़ेगा..!
Copy
15
शोर सी है जिंदगी मेरी, सुकून सा है इश्क तेरा!!
Copy
60
उसको मालूम तो हैं मेरे हालातो के बारे मे, फिर खैरियत पूछकर मेरी मुश्किलें क्यों बढ़ाते हैं |
Copy
60
कितने शौक से छोड़ दिया तुमने बात करना जैसे सदियों से तेरे ऊपर कोई बोझ थे हम
Copy
34
मै जिंदगी गिरवी रख दुंगा,तु सीर्फ कीमत बता मुस्कुराने ? की. ?
Copy
111
पहले तुम ही दुनिया लगते थे.. अब तुम भी दुनिया निकले..!!
Copy
21
मुझसे नफरत ही करनी है तो इरादे मजबूत रखना, जरा से भी चुके तो महोब्बत हो जायेगी.
Copy
22
जिस चीज़ का तुम्हे खौफ है, उस चीज़ का हमे शौंक है।
Copy
66
कुछ पाने के लिए कुछ करना पड़ता है
Copy
265
गलती भूल जाओ मगर सबक हमेशा याद रखना..!
Copy
133
मुझमें अपनी मुश्क मिला दी, फिर दुनिया रंगीन बना दी। मुझको अपनी सांसें कहकर, तुमने मेरी जान बचा दी।
Copy
9
तुम साथ हो या ना हो क्या फर्क है …बेदर्द थी ज़िन्दगी बेदर्द है…
Copy
151
हम तो झुके थे तेरे इश्क में तूने, तो गिरा हुआ ही समझ लिया |
Copy
166
पास आकर सभी दूर चले जाते है अकेले थे हम, अकेले ही रह जाते है इस दिल का दर्द दिखाए किसे मल्हम लगाने वाले ही जख्म दे जाते है।
Copy
113
मत पूछ शीशे से उसके टूटने की वजह, उसने भी मेरी तरह किसी पत्थर को अपना समजा होगा
Copy
29
अब अगर तुम जाने ही लगे हो तो पलट कर मत देखना, *क्योकि मौत की सजा लिखने के बाद कलम तोड़ दी जाती है*
Copy
759
शक करना गलत था पर शक बिलकुल सही था
Copy
765