इज़्ज़त, मोहब्बत, तारीफ़ और दुआ...माँगी नहीं जाती, कमाई जाती है...।।
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कभी कभी किसी की खुशी के लिए ही उन्हें छोड़ना पड़ता है ...
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मै ज़िंदगी गिरवी रख दुंगा, तु सीर्फ कीमत बता मुस्कुराने की.
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वो शख्स एक छोटी सी बात पे यूँ चल दिया , जैसे उसे सदियों से किसी बहाने की तलाश थी .
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उम्मीदों की शमा को कभी बुझने ना देना, एक जुगनू ही काफी है उजाले के लिए।🔥
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पता नहीं क्या बात है तुज में जो हर पल तुम्हे सोच कर भी मन नहीं भरता है
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दर्द सिर का हो या दिल का, दोनों बहुत बुरे होते है.
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औकात नहीं है दुश्मनो की आँख से आँख मिलाने की, और बात करते हैं साले घर से उठाने की..!!
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इश्क न हुआ कोहरा हो जैसे....तुम्हारे सिवा कुछ दिखता ही नहीं....
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मेरे दिल का दर्द किसने देखा है, मुझे बस खुदा ने तड़पते देखा है ,हम तन्हाई में बैठे रोते है,लोगो ने हमे महफ़िल में हस्ते देखा है।
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देख ली इस दुनिया की यारी बदल गए सब बारी बारी ! 🙏
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ठोकर खाया हुआ दिल है...भीड से ज्यादा तन्हाई अच्छी लगती है....
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कुछ तो बात है मोहब्बत में वरना एक लाश के लिए कोई ताजमहल नहीं बनाता |
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होने दो जरा उन को भी तनहा.... याद हम भी उन्हें बेहिसाब आएंगे..
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वापस आ जा ऐ ख़ुशी, वरना जिंदगी भर सो नहीं पाएंगे जी तो सकते नहीं, पर मर भी नहीं पाएंगे .
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मुद्दत के बाद जिन्दगी फिर से मुस्कुराने लगी है, किसी की धडकन हमें अपना बनाने लगी है| 🥰
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जहर की जरूरत नहीं इश्क में, नजर अंदाजी से ही मर जाएंगे..!!
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देखने के लिए सारी कायनात भी कम, चाहने के लिए एक चेहरा भी बहुत है |🥰
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फिर एक दिन ऐसा भी आया जिन्दगी में..की मैंने तेरा नाम सुनकर मुस्कुराना छोड़ दिया।
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रात के अंधेरे मे तो हर कोई किसी को याद कर लेता है सुबह उठते ही जिसकी याद आए मोहब्बत उसको कहते है
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खोकर पता चलती है कीमत किसी की, पास अगर कोई हो तो एहसास कहाँ होता है। 💯🥺
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किसी चीज की सिर्फ चाह रखने से ही कुछ नहीं होता, तुम्हारे अंदर उसे पाने की भूख होनी चाहिए!
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मेरे दर्द से वाकिफ नहीं अपनी खता मानता ही नहीं | क्या शिकायत करू उसे जो वफ़ा जानता ही |
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एक ख्याल ही तो हूँ मैं ..याद रह जाऊँ .. तो याद रखना ..वरना...सौ बहाने मिलेंगे ...भूल जाना मुझे....
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वो खुश रहे बस , मेरा क्या है मैं दूसरी पटा लूँगा
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मुझे फ़र्क नही पड़ता लोग मुझे पसंद करे या ना करें, क्योंकि मैं पैदा किसी को Impress करने के लिये नहीं हुआ.😎
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फिक्र करना ही क्यूँ फिक्र से होता है क्या | भरोसा रखो "श्याम" पर फिर देखो होता है क्या ||
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कण कण में विष्णु बसें जन जन में श्रीराम प्राणों में माँ जानकी मन में बसे हनुमान ! जय श्री राम
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हम खुद से बिछड़े हुये लोग हैं, तुमसे क्या मिल पायेंगे |
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रहने दो अपनी जुल्फों को चेहरे पर यूं ही ये चाँद बादलों में ज्यादा हसीन लगता हैं ..
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