होने दो जरा उन को भी तनहा.... याद हम भी उन्हें बेहिसाब आएंगे..
Copy
27
जंगल में फिर खौफ ? छा रहा है सुना है घायल शेर ? फिर वापस आ रहा है !
Copy
110
खोकर पता चलती है कीमत किसी की, पास अगर कोई हो तो एहसास कहाँ होता है। ??
Copy
82
कभी वक़्त मिले तो सोचना जरुर, वक़्त और प्यार के अलावा तुमसे माँगा ही क्या था।?
Copy
27
हर मंज़िल हासिल होंगी, बस तुम इरादा नेक रखना.
Copy
22
उदास हूँ पर तुझसे नाराज़ नहीं तेरे दिल मे हूँ पर तेरे पास नहीं वैसे तो सब कुछ आ मेरे पास पर तेरे जैसा कोई खास नहीं
Copy
850
आरज़ू होनी चाहिए किसी को याद करने की, लम्हें तो अपने आप ही मिल जाते हैं।
Copy
44
मैं हर रूप में तुम्हारी मदद के लिए आता हूँ ; मुझे ढूंढो मत केवल पहचानो |
Copy
20
सुनो तुम दर्द बनकर ही रह जाओ हमारे साथ, सुना है दर्द बहुत वक्त तक साथ रहता है |
Copy
13
रेल की खिड़कीयां तो खोल दी थी हमने मगर रात थी जब तुम्हारा शहर आया था....!
Copy
9
जरूरी नही कि हम सबको पसंद आए, बस, जिंदगी एेसे जिओ कि रब को पसंद आए...???
Copy
5K
धड़कनों को कुछ तो काबू कर ले ऐ ❤️ दिल , अभी तो पलके झुकाई है, मुस्कुराना ? बाकी है उनका…
Copy
44
हम समंदर है हमें खामोश ही रहने दो जरा मचल गये तो शहर ले डूबेंगे |?
Copy
40
आज सोचा कि…. कुछ तेरे सिवा सोचूँ ..!!! .अभी तक इसी सोच में हूँ कि क्या सोचूँ ..!!!
Copy
169
लोग शक्ल की बात करते हैं, मुझे तो तेरी आवाज से भी प्यार है |
Copy
23
तुम सिखाओ अपने दोस्तों को हथियार चलाना हमारे दोस्त तोह पहले से ही बारूद है
Copy
162
जब मेरे पास कोई नही था..तब मेरा साथ निभाने का शुक्रिया
Copy
190
पढ पढ के हो गया BORE और उपर से ऐ KATRINA ,केह रही है तेरी Ore तेरी Ore.
Copy
88
इरादे साफ़ है, तभी तोह लोग खिलाफ है.??
Copy
102
जो सबका मित्र होता है वो किसी का मित्र नहीं होता है
Copy
274
बिखरे पल,भीगी पलके और ये तन्हाई है.....कुछ सौगाते है जो मोहब्बत से कमाई है....
Copy
33
ये दोस्ती भी एक रिश्ता है, जो निभा दे वो फरिश्ता है..!!
Copy
153
पसंद है मुझे उन लोगों से हारना, जो लोग मेरे हारने की वजह से पहली बार जीते हों..!!❤️?
Copy
53
समझादो उन समझदारों को, कि कातिलो की गली मे भी दहशत हमारे ही नाम की है..!??
Copy
56
बड़े बेताब थे वो मोहब्बत करने को हमसे, जब मैंने भी कर ली तो उन्होने शौंक बदल दिया.
Copy
6
कभी सोचा नहीं था, वो भी मुझे तनहा ? कर जाएगी, जो परेशान देख कर अक्सर कहती थी, मैं हूँ ना... ❤️
Copy
61
इश्क़ करो. वफ़ा करो.. और ज्यादा सर पे चढ़े तो लात मारके दफा करो..?
Copy
81
एक तरफा रहीं हमेशा मोहब्बत मेरी..किसी से खयालात न मिले, किसी से हालात न मिले...! ?
Copy
19
उसूलों पे चलना एक मेहेंगा शौक है, जो हर दो टके के इंसान के बस की बात नही..! ?
Copy
21
महोबत आगर चेहरे से होती तो खुदा दिल न बनाता |
Copy
92