भर्री महफ़िल में दोस्ती का ज़िकर हुआ , हमने तो सिर्फ आपकी और देखा और लोग वाह वाह कहने लगे
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मोहब्बत होने में कुछ लम्हे लगते है पूरी उम्र लग जाती है उसे भुलाने में.
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इतना क्यों सिखाए जा रही हो जिंदगी, हमें कौनसी सदियाँ गुजारनी है यहाँ.
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सोचता रहा ये रातभर करवट बदल बदल कर, जानें वो क्यों बदल गया, मुझको इतना बदल कर..!!?
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नसीब का सब खेल है वरना मोहब्बत तो हम भी दीवाने की तरह किये थे.
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परवाह नहीं चाहे ज़माना कितना भी खिलाफ हो हिसाब सबका होगा चाहे कोई कितना भी बड़ा नवाब हो |??
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शाम नहीं पर बात वही. तू नहीं तो तेरी याद सही.
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अंजाम की ख़बर तो मीरा को भी थी, बात सिर्फ मोहब्बत निभाने की थी...!!
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क्या खाक तरक्की की आज की दुनिया ने, मरीज ऐ इश्क़ तो आज भी लाइलाज बैठे है. ?❤️
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बहुत दर्द देती है वो सजा, जो बिना खता के मिली हो।
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मत पूछ शीशे से उसके टूटने की वजह, उसने भी मेरी तरह किसी पत्थर को अपना समजा होगा
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29
स्टेटस पड़ने के अलावा कुछ और भी काम हैं के नहीं
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569
किसी रोज़ मिलने से प्यार हो या न हो लेकिन किसी रोज़ बात करने से उसकी आदत जरूर हो जाती है
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हम ना पा सके तुझे मुदतो के चाहने के बाद , ओर किसी ने अपना बना लिया तुझे चंद रसमे निभाने के बाद !!
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सहारे ढूंढने की जरूरत नहीं हमारी, हम अकेले ही पूरी महफ़िल के बराबर है |?
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बोहत खुश थे हम साथ में फिर उसे किसी और का साथ मिल गया |
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मेरा दिल सिर्फ तुम्हारे लिए धड़कता है
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वो सिर्फ मेरी थी, लेकिन सिर्फ मेरे सामने
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दुश्मनी मंजूर है साहब, किसी के तलवे चाटना हमारे उसुलो के खिलाफ है |??
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ना साथ है किसी का, ना सहारा है कोई, ना हम किसी के हैं ना हमारा है कोई.
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माना कि वक्त सता रहा है, मगर कैसे जीना है, ये भी बता रहा है! ⌛?
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इस कदर मांगा है तुमहे दुआओं में कि, एक भी दुआ कबूल हुई, तो तुम मेरे हो जाओगे देखना...❤️❤️
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कौन पूछता है पिंजरे में बंद परिंदों को, साहब याद वही आते है जो उड़ जाते है !!?️?️
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मेरी चाहत का इस तरह मजाक मत बनाओ, कि तुम्हारी आंखें ?️ ही तरस जाए, मुझे दोबारा देखने के लिए।
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सिर्फ़ उम्र ही नहीं कुछ हादसे भी तजुर्बे बेहिसाब दे जाते है।
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उँगलियाँ यूँ न सब पर उठाया करो, खर्च करने से पहले कमाया करो, ज़िन्दगी क्या है खुद ही समझ जाओगे, बारिशों में पतंगें उड़ाया करो | ❤️?
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गुरु का हाथ पकड़ के चलो , लोगों के पैर पकड़ने की नौबत नहीं आएगी
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एक ऐसा लक्ष्य भी होना चाहिए जो सुबह उठने पर मजबूर कर दे.
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वाक़िये ? तो अनगिनत हैं #ज़िंदगी के, समझ नहीं आता, कि किताब लिखूँ या हिसाब ? लिखूँ..
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धड़कनों को कुछ तो काबू कर ले ऐ ❤️ दिल , अभी तो पलके झुकाई है, मुस्कुराना ? बाकी है उनका…
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