बेमतलब की दुनिया का किस्सा ही खतम, अब जिस तरह की दुनिया, उस तरह के हम ✔️
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हम रोज़ उदास होते हैं और रात गुज़र जाती है एक दिन रात उदास होगी और हम गुज़र जाएंगे
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पल दो पल की ही क्यों है ज़िन्दगी …इस प्यार को है सदियाँ काफी नहीं ..
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रहने दो अपनी जुल्फों को चेहरे पर यूं ही ये चाँद बादलों में ज्यादा हसीन लगता हैं ..
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कैसे करूँ मैं तुम्हारी यादों की गिनती..... साँसों का भी कोई हिसाब रखता हैं क्या...
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फ़ासले तो बढ़ा रहे हो, मगर इतना याद रखना, मोहब्बत?बार बार इंसान पर मेहरबान नहीं होती?…!!
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हमें अहमियत नहीं दी गयी, और हम जान तक दे रहे थे.
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शुक्र है दिल सिर्फ धड़कता है, बोलता तो कयामत आ जाती.
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हमारे पास तो बस तेरी यादें है, ज़िन्दगी तो उसे मुबारक हो जिसके पास तू है !!
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मिलना तेरा मिलना मेरा …मिलना था क़िस्मत में लिखा…
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जो हमसे बात नहीं करते, वो दूसरों से हमारी ‘बात’ करते है ।
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मुझे मरने का शौक तो नहीं है पर, तेरे इश्क़ से बेहतर मौत ही है..!
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वापस आ जा ऐ ख़ुशी, वरना जिंदगी भर सो नहीं पाएंगे जी तो सकते नहीं, पर मर भी नहीं पाएंगे .
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दोस्तों के दिल ❤️ में और दुश्मन के दिमाग ? मे रहना आदत है हमारी..?
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तुम उसे छू लो और वो तुम्हारा हो जाए..इतनी वफा तो सिर्फ कोरोना के पास है ?
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पहली सिगरेट हो या पहली बीयर कोई भी खरीदकर नहीं पीता … हमेशा कोई न कोई दानवीर हाथ में देकर कहता है – “पी ले, कुछ नहीं होगा
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माना किस्मत और औरत तंग बहुत करती हैं, लेकिन जब साथ देती हैं तो किस्मत बदल देती हैं!?
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शराफत का जमाना ही नहीं रहा साहिब, किसी को इज्ज़त दो तो वो कमज़ोर समझ लेता है !!✔️✔️
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गलत सुना था कि मोहब्बत आँखों से होती है, दिल तो वो भी चुरा लेते है जो पलकें नहीं उठाते है.
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वफादारी मिलेगी हर रिश्ते में जब बात होटों से नहीं नोटों से होगी!
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हंसता तो रोज हूं, पर खुश हुए जमाना हो गया।
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रूठना भी छोड़ दिया है अब मैंने, उम्मीद नहीं कोई मनाने भी आयेगा।
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कितना भी समेट लो.. हाथों से फिसलता ज़रूर है.. ये वक्त है साहब.. बदलता ज़रूर है..!!❤️
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मुझे फरक नहीं पड़ता,,,,अब क़समें खाओ या जहर..!!
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जवाब देना तो हमें भी आता है,, लेकिन आप इस काबिल नहीं… ??
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हम उनसे रीश्ता नही रखते, जिन्हे उंचाईयों से डर लगता है | ??
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जिसकी गलतियों से भी मैंने रिश्ता निभाया है उसने बार-बार मुझे फालतू होने का एहसास दिलाया है!?
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कभी बेपनाह बरस पड़ी कभी गुम सी है, यह बारिश भी कुछ कुछ तुम सी है.
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दिलो जान से करेंगे हिफ़ाज़त तेरी,बस एक बार तू कह दे कि मैं अमानत हूं तेरी…
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जिन्हें पता होता हैं। की अकेलापन क्या होता हैं । ऐसे लोग दुसरो के लिए । हमेशा हाज़िर रहते हैं ।
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