वक्त और हालात रिश्तों को बदल देते है; अब तेरा जिक्र होने पर हम बात बदल देते है||
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मुसाफ़िर कल भी थी मुसाफ़िर आज भी है, कल अपनों की तलाश में थी आज अपनी तलाश में हूँ!!!🌹
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हम दोनों एक ही किताब में रहेंगें, तुम गुलाब के जैसे, मैं खुशबू की तरह.
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जंगल में शेर दहाड़ता नहीं..उसकी ख़ामोशी दहसत मचाती हैं 🐅
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खुद से बात कर के खुद से ही झगड़ता हूँ, तुम्हारे जाने के बाद अंदर से कितना उलझता हूँ....
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सवरने का तो सवाल ही नहीं उठता, हम तो बिखरे ही लाजवाब है,,!! ❤
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बिछड़ कर फिर मिलेंगे यकींन कितना था, था तो ख्वाब, मगर हसीन कितना था |
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मुफ्त में नही सीखा उदासी में मुस्कुराने का हुनर, बदले में ज़िन्दगी की हर खुशी तबाह की है हमने..!😊
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उनकी नफरत बता रही है, हमारी मोहब्बत गज़ब की थी 😊
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कौनसा अंदाज़ है ये👩तेरी महोब्ब्त का💗, ज़रा हमको भी समझा दे…मरने से भी रोकते हो, और जीने भी नहीं देते..!!
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तुमने समझा ही नहीं और ना समझना चाहा, हम चाहते ही क्या थे तुमसे “तुम्हारे सिवा |❤️
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एक सच्चा मित्र वो है जो उस वक़्त आपके साथ खड़ा है जब उसे कहीं और होना चाहिए था
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हर रोता हुआ लम्हा मुस्कुराएगा,😃 तू सब्र रख अपना वक्त भी आएगा..⌚
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हर ख़्वाब मेरा, उम्मीद मेरी …मैं तुझसे जोड़ दूँ…
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सोचता रहा ये रातभर करवट बदल बदल कर, जानें वो क्यों बदल गया, मुझको इतना बदल कर..!!😊
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"दिल में आने का रास्ता तो होता है, लेकिन जाने का नहीं, इसलिए जो भी जाता है दिल तोड़कर जाता है !!"
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दर्द जब हद से ज्यादा बढ़ जाए , तो वो ख़ामोशी का रूप ले लेता है
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परेशान करते थे मेरे सवाल तुमको.. तो बताओ पसंद आयी खामोशी मेरी....
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कोई रूह का तलबगार मिले तो हम भी महोब्बत कर ले… यहाँ दिल तो बहुत मिलते है,बस कोई दिल से नहीं मिलता
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अल्फ़ाज़ के कुछ तो कंकर फ़ेंको, यहाँ झील सी गहरी ख़ामोशी है।”
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उसने पूछा क्या पसंद है, तुम्हें ? में बहुत देर तक उसे देखता रहा..
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तुने अच्छा ही किया मुझे गलत समझ कर, में भी थक गया हूँ खुद को साबित कर-कर के.
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तुम क्या जानो हम अपने आप में कितने अकेले है , पूछो इन रातो से जो रोज़ कहती है के खुदा के लिए आज तो सो जाओ !
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ज्यादा ख़्वाहिशें न रखिये जिंदगी से, बस अगला कदम पिछले से बेहतरीन होना चाहिए..❤️
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मैंने उस शख्स को कभी हासिल ही नहीं किया, फिर भी हर लम्हा लगता है कि, मैंने उसे खो दिया…..
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लोग कहते हैं समझो तो खामोशियाँ भी बोलती हैं , मैं अर्सों से खामोश हूँ वो बरसों से बेखबर है
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ज़िंदगी को आसान नहीं बस खुद को मजबूत बनाना पड़ता है
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रोज़ ख्वाबो मे जीता हूँ, वो ज़िन्दगी... जो तेरे साथ मेने हकीकत मे सोची थी..🥺🥺
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इंसान सबसे ज्यादा ज़लील अपनी पसंद के लोगों से ही होता है |
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मुझे छोड़कर वो खुश है तो शिकायत कैसी.. अब मै उन्हें खुश भी न देखों तो मोहब्बत कैसी ...
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