कोई शख्स तो यूँ मिले, के वो मिले तो सुकून मिले...
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कुछ ख्वाहिंशे कुछ चाहते अभी बाकी है..❣️❣️टूटकर भी लगता है … टूटना अभी बाकी है
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तुम्हें देखना और देखते रहना बड़ा अच्छा लगता है
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मैंने दबी आवाज में पूछा, मोहब्बत करने लगी हो, नजरें झुका कर वो बोली, "बहुत"
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मुहब्बत कब हो जाए किसे पता, हादसे पूछ कर नही हुआ करते ❤️?
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इश्क़ की बात न करो जनाब जले बैठे हैं, खामखा गाली दे देंदे |?
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66
बहुत कुछ लिखना है पर लफ्ज़ खामोश है।
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मिलावट का जमाना है साहिब,,,कभी हमारी हां में हां भी मिला दिया करो...
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मैं जानता हूं कहां तक उड़ान है उनकी, मेरे ही हाथ से निकले हुए परिंदे हैं !?
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एक वक़्त ऐसा आता है के सब ठीक होने के बावजूद भी दिल मुस्कुराना भूल जाता है |
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सहारे ढूढ़ने की आदत नहीं हमारी, हम अकेले पूरी महफ़िल के बराबर हैं।
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सजा ये है कि बंजर जमीन हूँ मैं और, जुल्म ये है कि बारिशों से इश्क़ हो गया |
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क्यूँ नहीं महसूस होती उसे मेरी तकलीफ़ जो कहते थे बहुत अच्छे से जानते है तुझे
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कितना भी खुश रहने की कोशिश कर लो, जब कोई याद आता है तो बहुत रुलाता है ??
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मेरी जिंदगी तेरे साथ शुरू तो नहीं हुई पर ख्वाहिश है खत्म तेरे साथ ही हो ?❤️
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मिल ही जाएगा कोई ना कोई टूट के चाहने वाला,अब शहर का शहर तो बेवफा हो नहीं सकता| ?
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बड़ा सोचो , जल्दी सोअचो , आगे सोचो . विचारों पर किसी का एकाधिकार नहीं है
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तेरा मेरा रिश्ता ताले चाबी जैसा है, कोई और आया तो तोडना ही पड़ेगा..!
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पहले तुम ही दुनिया लगते थे.. अब तुम भी दुनिया निकले..!!
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इतना भी मत घुमा ऐ जिन्दगी मै शहर का शायर हु कोई MRF का टायर नही
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किसी की आदत बनो, मोहब्बत अपने आप बन जाओगे .
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उसे क्या फर्क पड़ता है बिछड़ने क्या, सच्ची मोहबत तो मेरी थी उसकी तो नही थी
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आओ तुम्हे तुम्हारी औकात दिखाते हैं, तुम जिसे आप कहते हो वो हमे बाप कहते हैं...
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बोहत खुश थे हम साथ में फिर उसे किसी और का साथ मिल गया |
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कोई पूछेगा तो सुबह का भूला कह देंगे, तुम आओ तो सही,हम शाम को सवेरा कह देंगे
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वो भी ज़िन्दा है मे भी जिन्दा हूँ क़त्ल सिर्फ इश्क़ का हुआ है.
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फ़ासले तो बढ़ा रहे हो मगर इतना याद रखना, मुहब्बत?बार बार इंसान पर मेहरबान नहीं होती?…!!
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इस छोटी सी उम्र में कितना कुछ लिख दिया मैंने, उम्रें लग जायेंगी, तुम्हे मुझे पूरा पढ़ने में।
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सिर्फ जंगल ही छोडा है याद रखना शेर तो हम आज भी है |
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कुछ नही भुले हम बस मौके का इंतजार कर रहे है..! ??
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