इतने बड़े बनो कि जब आप खड़े हों तो कोई बैठा न रहे। ?
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फिर ग़लतफैमियो में डाल दिया.. जाते हुए मुस्कुराना ज़रूरी था
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सपनों को पाने के लिए समझदार नहीं पागल बनना पड़ता है। ??
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बस जाते हैं दिल में इजाज़त लिए बगैर, वो जिन्हें हम ज़िन्दगी भर पा नहीं सकते |
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अभी से वो होना शुरू कीजिये जो आप भविष्य में होंगे
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देता सब कुछ है ✒ खुदा हमें, पर जिसे चाहो उसे छोड़कर...?
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Diabetes का डर इतना बढ़ गया है के मीठा खाना तो छोड़ ही दिया है बल्कि मीठा बोलना भी छोड़ दिया है
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बाज कभी कबूतरों के साथ उड़ान नहीं भरता..!
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मुझे ख़ुद को बेक़सूर सबित करने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि मैं जानता हूँ कि मैं बेक़सूर हूँ। ?
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कोई तेरे साथ नहीं तो भी गम ? ना कर, खुद से बढ़कर दुनियां में, कोई हमसफर नहीं होता! ?
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जब अकेले चलने लगा, तब मुझे समझ आया, मैं भी किसी से कम नहीं हूं ?
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मोहब्बत को धोखा दोस्ती को प्यार मानता हु जो भी भाई बोल दे उसे जिगरी यार मानता हु
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कितना भी समेट लो.. हाथों से फिसलता ज़रूर है.. ये वक्त है साहब.. बदलता ज़रूर है..!!❤️
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तकलीफ़ खुद ही कम हो गई, जब अपनों से उम्मीदें कम हो गई…??
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सफर बहुत कठिनाई से भरा था, तुमने हाथ थामा और खूबसूरत हो गया.!
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लिख दू तो लफ्ज़ तुम हो, सोच लू तो ख्याल तुम हो, मांग लू तो मन्नत तुम हो, और चाह लू तो मोहोब्बत भी तुम ही हो
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बादशाह कोई भी हो जहाँ ? हम कदम रख दे, वहा किसी की हुकूमत नहीं चलती..!?
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जिसकी सज़ा सिर्फ़ तुम हो मुझे ऐसा कोई गुनाह करना है..❤️❤️
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तन्हा रातें कुछ इस तरह से डराने लगी मुझे, मैं आज अपने पैरों की आहट से डर गया..!!??
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वो लम्हा मेरी ज़िन्दगी का बड़ा अनमोल होता है.. जब तेरी बातें, तेरी यादें, तेरा माहौल होता है...
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इन आंखो को जब तेरा दीदार हो जाता है , मेरा तो हर दिन सांवरे त्योहार हो जाता है |
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साथ तो जिंदगी भी छोड़ देती है, शिकायत लोगों से क्या करना..
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ज़िक्र करते है तेरा हवाओं से अब, ये तूफ़ान बनके तेरे शहर से गुज़रे तो माफ़ करना. ???
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हमने तो एक ही शख्स पर चाहत खत्म कर दी अब मोहब्बत किसे कहते हैं हमे मालूम नहीं
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कुछ तो सोचा होगा किस्मत ने तेरे मेरे बारे मैं, वरना इतनी बड़ी दुनिया में तुमसे ही मोहब्बत क्यों हुई
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उसका वादा भी अजीब था , कि जिन्दगी भर साथ निभायेंगे मैंने भी ये नहीं पुछा की, मोहब्बत के साथ….. या यादों के साथ…
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जरूरत से ज्यादा इज्जत,और वक्त देने से लोग बदल जाते है।??
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मुद्दत के बाद जिन्दगी फिर से मुस्कुराने लगी है, किसी की धडकन हमें अपना बनाने लगी है| ?
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भर्री महफ़िल में दोस्ती का ज़िकर हुआ , हमने तो सिर्फ आपकी और देखा और लोग वाह वाह कहने लगे
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सब ख़फ़ा है मेरे लहजे से...पर मेरे हाल से कोई रूबरू तक न हुआ.....
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