बेशक मोहब्बत ना कर पर बात तो कर, तेरा यु खामोश रहना बड़ी तकलीफ देता है..
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वक़्त पर आया करते थे जवाब उनके, ये भी एक वक़्त की बात है !
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देखने के लिए सारी कायनात भी कम, चाहने के लिए एक चेहरा भी बहुत है |🥰
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चाह कर भी पूछ नहीं सकते हाल उनका, डर है कहीं कह ना दे के ये हक तुम्हे किसने दिया। 😐
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प्रभु कहते है तुम किसी का कुछ मत बिगाड़ना , मैं तुम्हरा कुछ भी बिगड़ने नही दूंगा
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कभी कभी किसी की खुशी के लिए ही उन्हें छोड़ना पड़ता है ...
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कुछ चीजे पैसों 💰 से नही मिलती और मुझे उन्ही चीजों का शौक हैं.😎
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बस जाते हैं दिल में इजाज़त लिए बगैर, वो जिन्हें हम ज़िन्दगी भर पा नहीं सकते |
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आज परछाई से पूछ ही लिया, क्यों चलती हो मेरे साथ, उसने भी हंसके कहा, और है कौन तेरे साथ |❤️
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अपनी औकात में रहना सीख बेटा. वर्ना जो हमारी आँखों में खटकते है, वो श्मशान में भटकते है.😎😎
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इश्क़ कभी झूठा नहीं होता, झूठे तो बस कसमे और वादे होते है !!
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दीवाना तेरा.. तुझे ही बुलाए ,ये मर्ज़ी तेरी.. तू आए ना आए
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मैं अपने खिलाफ बाते अक्सर ख़ामोशी से सुनता हूं, जवाब देने का काम मैंने वक़्त को दे रखा है |😎
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सो जाया करो जल्दी कभी – कभी, ख्वाबो को तुम्हारा इंतज़ार रहता है
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अनजान बन कर मिले थे, पता ही नहीं चला कब जान बन गए.
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गुलाब तो नहीं दिया कभी हमने लेकिन, मोहब्बत गुलाब देने वालो से ज्यादा थी.
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पता नही होश में हूं या बेहोश हूं में... पर बहुत सोच समझ कर खामोश हूं मैं...🤫🤫
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मेरे ज़ज्बात की कदर ही कहाँ, सिर्फ इलज़ाम लगाना ही उनकी फितरत है !!
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आखिर में खतम हो ही गए, वो रिश्ते उन लोगों से जिन्हे मिलके ये लगा था, की ये लोग जिन्दगी भर साथ देंगे |
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तन्हा रातें कुछ इस तरह से डराने लगी मुझे, मैं आज अपने पैरों की आहट से डर गया..!!🥺🥺
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सोचता रहा ये रातभर करवट बदल बदल कर, जानें वो क्यों बदल गया, मुझको इतना बदल कर..!!😊
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किस्मत की गुलामी नहीं करता, मै अपनी मेहनत का नवाब हूं |💪💪
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नाम रुतबा शोहरत अपने दम पर कमाओ दूसरों के दम पर तो सिर्फ जनाज़े उठा करते हैं 😎
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तूने कैसे थामा होगा हाथ उसका, तेरी हथेली को भी आदत मेरी थी। 🥺🥺
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न शक न शिकवा न शिकायत थी हमें बस हर रोज तुम्हें देखने की आदत थी हमें |
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साजिशों का पहरा होता है हर वक़्त रिश्ते भी बेचारे क्या करें, टूट जाते हैं बिखर कर...
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काबिलियत इतनी बढ़ाओ की तुम्हे हराने के लिए कोशिश नहीं साजिश करनी पड़े.
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काश वो भी आकर हम से कह दे , मैं भी तन्हाँ हूँ , तेरे बिन, तेरी तरह , तेरी कसम , तेरे लिए...!!
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कहाँ से लाऊं वो नसीब, जो तुझे मेरा कर दे...
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ना चाँद अपना था और ना तू अपना था ...!! काश दिल भी मान लेता की सब सपना था
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