जिस जगह से कोई लौटकर नहीं आता, आज ना जाने क्यों वहां जाने का दिल कर रहा है...😞😞
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तुम भुला दो मुझे ये तुम्हारी अपनी हिम्मत है मगर मुझसे ये उम्मीद ज़िंदगी भर मत रखना
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अब इतने भी भोले नहीं कि तुम वक़्त गुज़ारो और हम उसे प्यार समझे |
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इश्क़ की किताब का उसुल है जनाब..मुड़ कर देखोगे..तो महोब्बत मानी जाएगी..
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मिलावट का जमाना है साहिब,,,कभी हमारी हां में हां भी मिला दिया करो...
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दोस्त वही जो बुरे वक़्त में साथ दे वो नहीं जो वक़्त देखकर साथ दे |💯
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बड़े संभल कर चल रहे थे, ज़िन्दगी के सफर में, उसने एक नज़र देखा और हम गुमराह हो गए 😍😍
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💓 नजर चाहती है दीदार करना 💕 दिल चाहता है तुम्हें प्यार करना 💝
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जो फ़ुरसत मिली तो मुड़कर देख लेता मुझे एक दफा तेरे प्यार में पागल होने की चाहत मुझे आज भी हे !
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न जाने क्या मासुमियत है तेरे चेहरे पर, तेरे सामने आने से ज्यादा तुझे छुपकर देखना अच्छा लगता है |😍😍
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अधूरी लिखी होती है कुछ मोहब्बतें,🥰 सुनो यहाँ सबके यार बेवफा नहीं होते..!! ❤️
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ज़िक्र करते है तेरा हवाओं से अब, ये तूफ़ान बनके तेरे शहर से गुज़रे तो माफ़ करना. 💝💝💝
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उस शख्स से बस इतना ताल्लुक है मेरा, की अगर वो परेशान हो तो नींद मुझे नहीं आती !!
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किस_किस बात का गिला करें इस बेवफा जमाने मे, किसी ने दोस्ती छोडी , किसी ने दिल तोड़ा , किसी ने वादे तोड़े और , किसी ने तनहा छोड़ा !!!
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बदल गए हैं हम क्युकी .. बात अब औकात पर आ गई है ..
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मिल सके आसानी से उसकी खवाहिश किसे है , ज़िद्द तो उसकी है जो मुक्कदर में लिखा ही नहीं है
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गर्लफ्रेंड: तुम्हारा दिमाग एकदम सड़ गया है। पप्पू: हां, शायद तुम्हें ज्यादा पता है। रोज-रोज खाती जो रहती हो।
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कुछ कह गए, कुछ सह गए, कुछ कहते कहते रह गए..❗️ मै सही तुम गलत के खेल में, न जाने कितने रिश्ते ढह गए..‼️
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मेरे आँसुओं के दाम तुम चुका नहीं पाओगे, मोहब्बत न ले सके तो दर्द क्या खरीद पाओगे।❤️
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जिसको जो कहना💬 है कहने दो, अपना क्या जाता है, 😏 ये वक्त⏳वक्त की बात है, और वक्त⏱ सबका आता है😎
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तेरा सिर्फ दिमाग खराब है, काका मैं बंदा ही खराब हाय👿
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सब कुछ ठीक ही चल रहा है ना जाने क्यों उदास हु मैं
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एक दिन तुम्हे एहसास होगा कि क्या था मैं तुम्हारे लिए ! पर तब तक मैं तुम्हारी ज़िन्दगी से बहुत दूर जा चुका हूँगा
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लाश पता नहीं किस बदकिस्मत की थी, मगर क़ातिल के पैरो के निशान बड़े हसीन थे !!💔💔
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जिंदगी ने जख्म बहुत दिए, लेकिन हरेक को सिल लेता हूं। डार्लिंग तुम आलू उबालो, मैं मटर छील लेता हूं
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पैसा "हैसियत" बदल सकता है, "औकात" नहीं.💯
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दर्द मुझको ढूंढ लेता है रोज़ नये बहाने से... वो हो गया है वाकिफ़ मेरे हर ठिकाने से..❤️
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मैं तुमको सिखाना चाहता था कि प्रेम कैसे किया जाता है पर तुमने मुझे सिखा दिया कि प्रेम नही करना चाहिए।
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माना की तू शेर है पर ज्यादा उछल मत, हम भी शिकारी हैं ठोक देंगे..!!😠
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गिरगिट की आखिरी जुबान “में आजकल रंग बदलने में लोगों का मुकाबला नहीं कर पा रही हूं
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