सिर्फ तेरे दीदार के लिये आते हैं तेरी गलियों में, वरना आवारगी के लिये तो पूरा शहर पड़ा है !!"
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12
चुप हूँ तो चुप ही रहने दो मुझे, अगर बोल पड़ा तो काफी चेहरों को नफरत हो जाएगी!?
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108
जिंदगी में कुछ जख्म ऐसे होते हैं जो कभी नहीं भरते.. बस इंसान उन्हें छिपाने का हुनर सीख जाता है..??
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22
कुछ चीजे पैसों ? से नही मिलती और मुझे उन्ही चीजों का शौक हैं.?
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62
इन् तरसती निग़ाहों का ख़्वाब है तू, आजा के बिन तेरे बहुत उदास हूँ मैं..!!
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29
हौसले का सबूत देना था, इसलिए ठोकर खाकर भी मुस्कुरा पडे.!?
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70
जो चीज़ वक़्त पर ना मिले, वह बाद में मीले या ना मिले, कोई फर्क नहीं पड़ता।
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15
कैसे छोड दूं आखिर तुझसे मोहब्बत करना...तू मेरी किस्मत में ना सही.. दिल में तो है
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103
शक नहीं पूरा यकीन है..कोई किसी का नही होता..
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78
यूँ ही भटकते रहते हैं अरमान तुझसे मिलने के, न ये दिल ठहरता है न तेरा इंतज़ार रुकता है
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14
कुछ साथ यकीन दिलाते हैं की प्रेम वाकई खूबसूरत है |
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15
“रास्ते मुश्किल है पर हम मंज़िल ज़रूर पायेंगे ये जो किस्मत अकड़ कर बैठी है इसे भी ज़रूर हरायेंगे।”?
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153
शौक हमारे भी उचे है, पर जिम्मेदारी से बढ़कर नहीं !?
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157
उसने इश्क की अर्थी सज़ा दी, जो कभी इश्क़ का गुलाम था ।??
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19
वक़्त आने दो उस पर भी राज करेंगे जिसे लोग दुनियां कहते हैं ??
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277
मैंने परखा है अपनी बदकिस्मती को, जिसके अपना कहूं वो अपना नही रहता....??
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26
चले जाने दो उस बेवफ़ा को किसी और की बाहों में जो इतनी चाहत के बाद मेरा ना हुआ वो किसी और का क्या होगा
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38
तुम जब कहोगे हम तब मिलेंगे, लेकिन एक शर्त पर, न घड़ी तुम पहनोगे, न वक्त हम देखेंगे।❤️❤️
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115
जो हमसे जले थोड़ा साइड से चले...??
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75
पैर में मोच और गिरी हुई सोच, कभी इंसान को आगे बढ़ने नहीं देती
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जब भी तुम्हारा हौसला आसमान तक जाएगा याद रखना कोई ना कोई पंख काटने जरूर आएगा.
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?? उस शाम तुमने मुड़कर मुझे देखा जब, यूँ लगा जैसे हर दुआ कुबूल हो गयी ??
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नसीब के आगे जुकूंगा नहीं, थककर जरूर बैठा हूं मगर रूकूंगा नहीं |?☺️
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45
वक्त से हारा या जीता नही जाता, केवल सीखा जाता हैं।?
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233
वो दिल ही क्या जो वफ़ा ना करे, तुझे भूल कर जिएं कभी खुदा ना करे, रहेगी तेरी दोस्ती मेरी जिंदगी बन कर, वो बात और है, अगर जिंदगी वफ़ा ना करे.......!
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174
बात कोई नहीं मानता, बात का बुरा सब मान जाते है...?
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48
अजीब खेल है ये मोहब्बत का किसी को हम न मिले कोई हमें ना मिला |
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14
भूल सा गया हैं बो मुझे , समज नहीं आ रहा की हम आम हो गए उनके लिए या कोई खास बन गया है !
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समेट कर सारे जज़्बात रख दिये सिरहाने थोड़े सुकून के हक़दार हम भी हैं...
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किसी के साथ रहो तो वफादार बन के रहो, धोखा देना गिरे हुए लोगों की पहचान होती है !
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