मुझे समझना इतना आसान नहीं.. गहरा समुंदर हूं खुला आसमान नहीं...?
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वो ज़िंदगी ही क्या जिसमे मोहब्बत नही, वो मोहबत ही क्या जिसमे यादें नही, वो यादें क्या जिसमे तुम नही, और वो तुम ही क्या जिसके साथ हम नही!!
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याद रखना भी हिम्मत का काम है, क्यूंकि भूल जाना तो आजकल आम है !!
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यहाँ किसकी मज़ाल है जो छेड़े दिलेर को, गर्दिश में तो कुत्ते भी घेर लेते हैं शेर को..!!?
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खफा ? रहने का शौक भी पूरा कर लो तुम, लगता है तुम्हे हम ज़िंदा अच्छे नहीं लगते ?
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बस एक भूलने का हुनर ही तो नहीं आता...वरना भूलना तो हम भी बहुत कुछ चाहते हैं...!
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जिस्म से रूह तक जाए तो हकीकत है इश्क ? और रूह से रूह तक जाए तो इबादत है इश्क़ ❤️
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जिस दिन वक़्त मेरा होगा तू सोच भी नहीं सकता तेरा क्या होगा |?
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क्यों सवरू मैं किसी के लिए, जब बिखरी झुलफो में तुम मुझे ख़ूबसूरत कह देते हो ❤
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बस जाते हैं दिल में इजाज़त लिए बगैर, वो जिन्हें हम ज़िन्दगी भर पा नहीं सकते |
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मेरे पास'कमीनों की फौज है, तभी तो जिंदगी में मौज है।
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तू भी आईने की तरह बेवफा निकला, जो सामने आया उसी का हो गया ❤️
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टूटे हुए दिल भी धड़कतें हैं उम्र भर, चाहें किसी की याद में चाहे किसी की फरियाद में।
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सजा ये है कि बंजर जमीन हूँ मैं और, जुल्म ये है कि बारिशों से इश्क़ हो गया |
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सफल होने के 3 नियम खुद से वादा, मेहनत ज्यादा और मजबूत इरादा | ?
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सिर्फ जंगल छोड़ा था, शेर तो हम आज भी है |?
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कण कण में विष्णु बसें जन जन में श्रीराम प्राणों में माँ जानकी मन में बसे हनुमान ! जय श्री राम
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दस्तक़ और आवाज़ तो कानों के लिए है.. जो रूह को सुनाई दे उसे खामोशी कहते हैं..
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खुदा मेरे दुश्मनों को लम्बी उम्र दें ! ताकि वो मेरी क़ामयाबी देख सकें !!"
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थोड़ी जगह दे दे मुझे तेरे पास कहीं रह जाऊं मैं खामोशियाँ तेरी सुनु ओर दूर कहीं ना जाऊं मैं
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मोहब्बत तो सिर्फ मुझे हुई थी, उसे तो तरस आया था मुझ पर।
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अब तो इज़ाज़त लेनी होगी तुम्हे याद करने से पहले, मालिक जो बदल लिए है तुमने ।??
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अपनी पीठ से निकलें खंजरों को जब गिना मैंने, ठिक उतने ही निकले जितनो को गले लगाया था मैंने।??
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प्यार आज भी तुझसे उतना ही है बस तुझे एहसास नहीं और हमने भी जताना छोड़ दिया
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शौंक से नहीं किया कौइ गुनाह,, लोग हर बार औंकात पुछ रहे थे..!??
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अब अगर तुम जाने ही लगे हो तो पलट कर मत देखना, *क्योकि मौत की सजा लिखने के बाद कलम तोड़ दी जाती है*
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जो प्यार नहीं सच्चा उसे भूल जाना ही अच्छा
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किसी अपने को खोकर हम मरते नहीं है .... बस जीना भूल जाते है ...
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कुछ ख्वाहिंशे कुछ चाहते अभी बाकी है..❣️❣️टूटकर भी लगता है … टूटना अभी बाकी है
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बचपन से ही शौक था अच्छा इंसान बनने का, लेकिन बचपन खत्म और शौक भी खत्म.?
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