प्यार भी कितना अजीब होता है न , वो चाहे कितनी भी तकलीफ दे पर सुकून उसी के पास मिलता है
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तुम्हे अपनी लड़ाई खुद ही लड़नी होगी क्युकि लोग बुरे वक़्त में सिर्फ सलाह देते है साथ नहीं
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इश्क न हुआ कोहरा हो जैसे....तुम्हारे सिवा कुछ दिखता ही नहीं....
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अगर ख़ुशी मिलती है तुम्हे हम से जुदा होकर तोह दुआ है खुदा से की तुम्हे कभी हम न मिले
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बाज़ार गया था आँसू बेचने हर ख़रीददार बोला की, अपनों के दिए तोहफे बेचा नहीं करते..
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मुझे किसी के बदल जाने का कोई गम नही बस कोई था जिससे ये उम्मीद नही थी
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ठंड तो आज ऐसे पढ़ रही है जैसे कल उसका पेपर हो
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कभी फुर्सत हो तो इतना जरूर बताना, वो कौन सी मोहब्बत थी जो हम तुम्हें ना दे सके.
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उसे बोल दो कि मेरे ख्वाबों में ना आया करे, रोज आँख खुलती है और दिल टुट जाता है..💔💔
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जिस दिन वक़्त मेरा होगा तू सोच भी नहीं सकता तेरा क्या होगा |😠
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"तुम" याद आओगे यकीन था मुझे, इतना आओगे अंदाजा नहीं था...!
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शौक पूरे करो जिंदगी तो, एक दिन खुद पूरी हो जाएगी..!!💯
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याद तो रोज करते है उन्हें , पर उन्होने कभी महसूस ही न किया.. 😌
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बेशक थोड़ा इंतजार मिला हमको, पर दुनिया का सबसे हसीं यार मिला हमको, न रही तमन्ना अब किसी जन्नत की, तेरी दोस्ती में वो प्यार मिला हमको
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शाम नहीं पर बात वही. तू नहीं तो तेरी याद सही.
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मैंने अपनी जिंदगी में सारे महंगे सबक सस्ते लोगों से ही सीखे हैं | ❤️
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मैं दिसंबर और तू जनवरी रिश्ता काफ़ी नज़दीक का और अंतर साल भर का |
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गुलामी तो तेरे इश्क की हे वरना, ये दिल कल भी नवाब था और आज भी हे!!🔥🔥
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*सच्चा रिश्ता एक अच्छी पुस्तक जैसा होता है, कितना भी पुरानी हो जाए, फिर भी शब्द नहीं बदलते।*
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सिर्फ जंगल छोड़ा था, शेर तो हम आज भी है |🐅
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खुद ही पागल करते हो फिर कहते हो पागल हो तुम
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औकात नहीं है दुश्मनो की आँख से आँख मिलाने की, और बात करते हैं साले घर से उठाने की..!!
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उनका बादा भी अजीब था - बोले जिन्दगी भर साथ निभाएंगे ,पर पागल हम थे - ये पूछना भूल ही गए के मोहबत के साथ या यादो के साथ !
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मेरी याद क़यामत की तरह है एक दिन ज़रूर आएगी
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कुछ खास नहीं इन हाथों की लकीरों में,मगर तुम हो तो एक लकीर ही काफी है…
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बहुत अंदर तक तोड़ डालता है, वह अश्क जो आंखों से बह नहीं पाता |
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नींद भी नीलाम हो जाती है, बाज़ार-ए-इश्क में, किसी को भूल कर सो जाना, आसान नहीं होता। ❤️
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हम तो दोस्ती में ही खुश थे, तुमने ही गले लगा कर बात बिगाड़ दी..😊😊
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हम रोज़ उदास होते हैं और रात गुज़र जाती है एक दिन रात उदास होगी और हम गुज़र जाएंगे
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बिन धागे की सुई सी बन गई है ये ज़िंदगी, सिलती कुछ नहीं, बस चुभती चली जा रही है…🥺
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