हो सके तो दिलों में रहना सीखो, गुरुर में तो हर कोई रहता है!
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मेरी ख़ामोशी को मेरी कमज़ोरी मत समझो मैं दिल में गालियां भी देती हूँ
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151
हम अपना Attitude तो वक्त आने पर दिखाएंगे, शहर तू खरीद उस पर राज़ करके हम दिखाएंगे।?
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54
कामयाबी के सफर में धूप बड़ी काम आयी. छांव अगर होती तो कब के सो गये होते !
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87
गुलाब तो नहीं दिया कभी हमने लेकिन, मोहब्बत गुलाब देने वालो से ज्यादा थी.
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30
हम तो हँसते हैं दूसरों को हँसाने के लिए, वरना ज़ख्म तो इतने हैं कि ठीक से रोया भी नहीं जाता
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71
महोबत आगर चेहरे से होती तो खुदा दिल न बनाता |
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92
टूटे हुए दिल भी धड़कतें हैं उम्र भर, चाहें किसी की याद में चाहे किसी की फरियाद में।
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3
सुनो जान तुम मेरी पहली और आखरी पसंद नहीं बल्कि तुम मेरी एकलौती पसंद हो
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320
प्रभु कहते है तुम किसी का कुछ मत बिगाड़ना , मैं तुम्हरा कुछ भी बिगड़ने नही दूंगा
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157
कुछ बुरी आदतें ता उम्र साथ नहीं छोड़ती....बस उन्हीं आदतों मे से एक है वो..!!?
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83
कितनी छोटी सी दुनिया है मेरी, एक मै हूँ और एक दोस्ती है तेरी….....!
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191
शरीफ थे तब सबने बदनाम किया, जबसे बुरे बने तो दुश्मन ने भी सलाम किया..!
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64
जितना तुझे किसी ने चाहा भी न होगा उतना तो मैंने सिर्फ तुझे याद किया है
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नाराजगी है तेरी या बस बहाना रूठ जाने का, मैं खुद को भी हार जाऊं तेरे लिए, तू हक तो दे मनाने का ?
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56
माना कि तुझसे दूरियां कुछ ज्यादा ही बढ़ गई हैं पर तेरे हिस्से का वक़्त आज भी तन्हा गुजरता है
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17
क्या खूब मजबूरियां थी मेरी भी.. अपनी खुशी को छोड़ दिया” उसे" खुश देखने के लिए ??
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हम तो हँसते हैं दूसरों को हँसाने के लिए वरना ज़ख्म तो इतने हैं कि ठीक से रोया भी नहीं जाता..
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20
“मशहूर होने का शोक नहीं है, लेकिन क्या करे लोग नाम से ही पहचान लेते है।” ??
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12
अकेली रात बोलती बहुत है लेकिन सुन वही सकता है जो खुद भी अकेला हो
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उसकी सलामति की दुआ, रोज मांगते है। दिन में एक दफ़ा खुदा से, भीख मांगते है। ??
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कर देते है Message हार कर सामने से, मन ही नहीं लगता, नाराज़गी का क्या करेंगे। ??
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घाटे और मुनाफे का बाज़ार नहीं, इश्क़ एक इबादत है, कारोबार नहीं..!!?
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एक ख़्वाब था की वह भी मुझे चाहे मेरी तरह पर ख़्वाब ही रह गया
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चले जाएंगे तुझे तेरे हाल पर छोड़कर, कदर क्या होती है ये तुझे वक्त सिखा देगा ??
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? हम तो मोहबत के नाम से भी अनजान थे, एक शख्स की चाहत ने पागल बना दिया
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मसला पाने का होता तो ख़ुदा से छीन लेता ख़्वाहिश तुझे चाहने की है, उम्र भर चलेगी |
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हुआ था शोर पिछलि रात में दो चांद निकले है,बताओ क्या जरूरत थी तुम्हे छत पर टहलने की ?
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एक बार मेरी तरफ नज़रे उठा कर तो देखो, तमाम उम्र किसी और को नज़र उठा के देखु तो कहना।
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