किस्सा बना दिया उन लोगों ? ने भी मुझे जो कल तक मुझे अपना हिस्सा बताया करते थे | ?
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तेरी जगह आज भी कोई नहीं ले सकता , पता नहीं तेरी खूबी है या तेरी कमी
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कौन होता है दोस्त? दोस्त वो जो बिन बुलाये आये, बेवजह सर खाए, जेब खाली करवाए, कभी सताए, कभी रुलाये, मगर हमेशा साथ निभाए.
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इस दुनिया के लोग भी कितने अजीब है ना , सारे खिलौने छोड़ कर जज़बातों से खेलते हैं
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दिल पर लग जाती है उन्हें अक्सर हमारी बातें , जो कहते थे तुम कुछ भी बोलो बुरा नहीं लगता...
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॥ ॐ ह्रीं दुं दुर्गाय नमः ॥
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सजा तो बहुत दी है ज़िंदगी ने पर कसूर क्या था वो नहीं बताया..?
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तेरी यादे.... तेरी बाते.... बस तेरे ही फ़साने हैं... हाँ हम क़ुबूल करते हैं हम तेरे ही दीवाने .
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232
दुसरो पे मरने वाले हम नहीं हम पर मरने वाले कम नहीं.??
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बेटा झूले पर झूलो लेकिन,? हम बाप हैं तुम्हारे हमे ना भूलो।?
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अजीब सी आदत है अपनी, नफरत हो या मोहब्बत बड़ी शिद्दत से करते हैं ।??
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166
हम दोनों एक ही किताब में रहेंगें, तुम गुलाब के जैसे, मैं खुशबू की तरह.
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ज़िन्दगी की राहें तब आसान हो जाती हैं, जब परखने वाला नहीं समझने वाला हमसफर हों !!❤️?
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भूलना भुलाना तो दिमाग का खेल है, बेफिक्र हो जाओ तुम तो दिल में रहते हो.
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175
मोहब्बत ज़िंदगी बदल देती है , मिल जाए तो भी ना मिले तो भी
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69
लिबास कितना भी कीमती हो, घटिया किरदार को छुपा नहीं सकता??
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सबको दिलासा देने वाला शख्स..अपने दुखों में हमेशा अकेला होता है!?
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उँगलियाँ निभा रही हैं रिश्ते आजकल ज़ुबाँ से निभाने का वक्त कहाँ
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वजह तलाश करो अपने हार जाने की किसी की जीत पे रोने से कुछ नहीं होगा!
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21
अधूरी ख़्वाहिश बनकर न रह जाना तुम ....दुबारा आने का इरादा नहीँ रखते हैं हम !!
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बहुत डर लगता है उन लोगो से जो बातों में मिठास और दिलो में जहर रखते हैं |?
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वाकिफ थे बाकायदा उन गलियों से हम फिर भी ना जाने कैसे ठोकर लग ही गयी।
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जिस शख्स की गलती, "गलती" ना लगे, किताब-ऐ-इश्क में उसे "महबूब कहते है ! ??
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मुझसे नफरत तभी करना जब मेरे बारे में सब कुछ जान जाओ, तब नहीं जब किसी से सुना हो।?
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फर्क तो अपनी अपनी सोच में है, वरना दोस्ती भी मोहब्बत से कम नहीं होती !!??
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यूँ ही कितनी आसानी से पलट जाते है कुछ लोग
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जिंदगी का खेल शतरंज से भी मज़ेदार होता है, लोग हारते भी है तो अपनी ही रानी से
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हमने अपने नसिब से ज्यादा अपने दोस्तो पर भरोसा रखा है, क्यु की नसिब तो बहुत बार बदला है, लैकिन मेरे दोस्त अभी भी वहि है.......!
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“होठों की हँसी को ना समझ हक़ीक़त-ए-जिंदगी,दिल में उतर के देख हम कितने उदास है”
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