चालाकी कहा मिलती है मुझे भी बताओ दोस्तों, हर कोई ठग लेता है जरा सा मीठा बोल कर.?
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49
हमारे जीने का तरीक़ा थोड़ा अलग सा है, हम उम्मीद पर नहीं ज़िद्द पर जीया करते हैं !!"
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22
अजीब खेल है ये मोहब्बत का किसी को हम न मिले कोई हमें ना मिला |
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ना शाख़ों ने जगह दी ना हवाओ ने बक़शा, वो पत्ता आवारा ना बनता तो क्या करता…..!!
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25
कर दिया न फिर से तन्हा, कसम तो ऐसे दी थी जैसे तुम सिर्फ मेरे हो !!
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दो दिल मिल रहे हैं मगर चुपके चुपके
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913
“प्यार का रिश्ता कितना अजीब होता है, मिल जाये तो बातें लम्बी और बिछड़ जाए तो यादें लम्बी।”
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सुना था हमने दर्द अक्सर बेदर्द लोग देते हैं मगर हमारी दुनिया उजाड़ी है एक मासूम चेहरे ने
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सामने बैठे रहो दिल ? को करार आएगा, जितना देखेंगे तुम्हें उतना ही प्यार ? आएगा |
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150
चोट का गहरा होना लाजमी था, वार जो अपनो का था |?️
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नींद से क्या शिकवा जो आती नहीं, कसूर तो उस चेहरे का है जो सोने नहीं देता !
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वादों की तरह इश्क भी आधा रहा, मुलाकातें कम रही इंतजार ज्यादा रहा.
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फैसला ! नहीं हो पा रहा, तनहा ! रात है या मै ...
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एक खूबसूरत सा रिश्ता यूँ खतम हो गया..हम दोस्ती निभाते रहे…..और उसे इश्क हो गया
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आज परछाई से पूछ ही लिया, क्यों चलती हो मेरे साथ, उसने भी हंसके कहा, और है कौन तेरे साथ |❤️
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लाख साजिश करलो, हम कहकर हराने वालो में से हैं.!!
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उसने कहा बहुत हैं तेरे जैसे, मैंने कहाँ अरे पागल, Brand हूँ Copy तो होगी ना.
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292
अनजान बन कर मिले थे, पता ही नहीं चला कब जान बन गए.
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क्या पता था कि मोहब्बत ही हो जायेगी, हमें तो बस तेरा मुस्कुराना अच्छा लगा था |
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खफा ? रहने का शौक भी पूरा कर लो तुम, लगता है तुम्हे हम ज़िंदा अच्छे नहीं लगते ?
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कर देते है Message हार कर सामने से, मन ही नहीं लगता, नाराज़गी का क्या करेंगे। ??
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आरज़ू होनी चाहिए किसी को याद करने की, लम्हें तो अपने आप ही मिल जाते हैं।
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कैसे करूँ मैं तुम्हारी यादों की गिनती..... साँसों का भी कोई हिसाब रखता हैं क्या...
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उसका मिलना ही मुकद्दर में नहीं था वरना क्या क्या नहीं खोया उसे पाने के लिये
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कितना होशियार है ? मेरा यार.. तोहफे में घड़ी तो दे दी लेकिन वक़्त नहीं|
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अजब पहेलियाँ हैं हाथों की लकीरों में सफ़र ही सफ़र लिखा हैं हमसफ़र कोई नहीं |
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16
गलती उसकी नहीं मेरी ही थी, अंजाम पता था, फिर भी दिल लगा बैठे.
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काश तुम भी मुझे ऐसे चाहो, जैसे तकलीफ़ में सुकून.??
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ज़िंदगी में मोहबत का पौधा लगाने से पहले ज़मीन परख लेना, हर एक मिटटी की फितरत में वफ़ा नहीं होती दोस्तो !!
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कुछ लोगो को कितना भी अपने बनाने की कोशिश कर लो वो साबित कर देते है कि वो गैर ही है |
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