अपनी पीठ से निकलें खंजरों को जब गिना मैंने, ठिक उतने ही निकले जितनो को गले लगाया था मैंने।??
Copy
47
नियत अच्छी हो और मेहनत सच्ची हो, तो कामयाबी ज़रूर मिलती हैं...
Copy
14
अब तो इज़ाज़त लेनी होगी तुम्हे याद करने से पहले, मालिक जो बदल लिए है तुमने ।??
Copy
19
हमने कहा दीवानगी क्या होती है, उसने कहा दिल तुम्हारा हुकूमत हमारी.
Copy
22
मुझको क्या डराओगे मौत से मैं तो पैदा ही क़ातिलों की गली में हुआ हूँ। ?
Copy
15
सुकून गिरवी है उसके पास मोहब्बत क़र्ज़ ली थी जिससे...
Copy
5
मुझ से पहले भी उसका कोई था मेरे बाद भी उसका कोई है
Copy
65
सच कहते हैं लोग मोहब्बत को पाने में मुश्किल नहीं, मुश्किल तो उसे भुलाने में होती है |??
Copy
23
मुझे सुकून पाने के लिए दवा की नहीं बल्कि तुम्हारे साथ की ज़रूरत है..!!
Copy
34
खुदा के घर से कुछ फ़रिश्ते फरार हो गए, कुछ पकड़े गए, कुछ मेरे यार हो गए!!?
Copy
104
एक शख्स जो मुझे रोज़ सताता है, मगर सुकून भी ना जाने क्यों, उसी के साथ आता है.?
Copy
117
हारना मंज़ूर है मुझे पर, खेल तो में बड़ा ही खेलूंगा,?
Copy
86
आओ तुम्हे तुम्हारी औकात दिखाते हैं, तुम जिसे आप कहते हो वो हमे बाप कहते हैं...
Copy
21
इस दिल में तुम्हारे सिवा किसी को इजाजत नहीं
Copy
177
कभी साथ बैठो चाय पर तो दुख दर्द बतायें, युं दूर से पुछोगे तो खैरियत ही कहेंगे??
Copy
57
ज़रा सा हक तुम भी जताना सीख लो ? इश्क़ अगर है, तो बताना सीख लो !!❤️
Copy
72
ज़िन्दगी चैन से गुज़र जाए , तू अगर ज़हन से उतर जाए
Copy
17
हुआ था शोर पिछलि रात में दो चांद निकले है,बताओ क्या जरूरत थी तुम्हे छत पर टहलने की ?
Copy
49
खुदा ने मुझे वफादार दोस्तों से नवाज़ा है याद मैं ना करूँ, तो कोशिश वो भी नहीं करते
Copy
737
होने दो जरा उन को भी तनहा.... याद हम भी उन्हें बेहिसाब आएंगे..
Copy
27
दुरिया मायने नहीं रखती, जब दिल एक दुसरे के वफादार हो।
Copy
40
दुश्मन चाहे कितने भी हो पर दोगला यार एक भी न हो |?
Copy
69
जिनका इरादा हो साथ चलने का वो बहाने नहीं रास्ते ढूंढते है |✔️
Copy
75
तुझे जबसे खोया है तबसे कुछ पाने की ख्वाहिश ही नहीं रही.
Copy
7
हर धोके का हिसाब लेंगे, और तुम्हारा गुरुर चूर-चूर कर देंगे।
Copy
19
जरुरी नहीं कि इंसान प्यार की मूरत हो, सुंदर और बेहद खूबसूरत हो, अच्छा तो वही इंसान होता है, जो तब आपके साथ हो, जब आपको उसकी जरुरत हो
Copy
180
जो इश्क़ दूरियों में भी बरकरार रहे वो, इश्क़ ही कुछ और होता है.
Copy
107
जिन्दगी न जाने किस मुकाम तक पहुँच गई है, तन्हाई में रोना पड़ता है और महफ़िल में हँसना पड़ता है||
Copy
35
कभी मौका मिले तो सोचना ज़रूर कि एक लापरवाह शख़्स तेरी इतनी परवाह क्यूं करता है
Copy
187
सोचती हूँ कुछ तो अच्छे करम मैंने भी किए होंगे, यूँ तो नसीब ना होती महोब्बत तुम्हारी!!!
Copy
150