नादान हूँ नादानियाँ कर जाता हूँ दुनियाँ के चक्कर में तुझे भूल जाता हूँ तेरा बडप्पन की तू सम्भाल लेता है मेरे गिरने से पहले तू थाम लेता है
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55
कण कण में विष्णु बसें जन जन में श्रीराम प्राणों में माँ जानकी मन में बसे हनुमान ! जय श्री राम
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47
उदास नहीं होना,क्योंकि मै साथ हूँ, सामने न सही पर आस-पास हूँ, पल्को को बंद कर जब भी दिल मे देखोगे, मै हर पल तुम्हारे साथ हूँ !
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412
कौन कहता है तेरे दर से मांगने वाला गरीब होता है जो तेरे दर तक पहुच जाय वो सबसे बड़ा खुशनसीब होता है
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76
प्रेम अगर करना ही है तो, मेरे "कन्हा" से करो जिसके विरह में रोने से भी तुम्हारा उद्धार हो जाएगा !!
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45
सारा जहां है जिसकी शरण में, नमन है उस माँ के चरण में
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107
जय जय श्री गणेश रिद्धि सिद्धि के दाता
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37
|| ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ॐ ||
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69
लोग तो दुनियाँ वालो से यारी करते है मेरी तो दुनियाँ बनाने वालो से यारी है
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30
दे दो बस एक ही वरदान, आपके भगत से न हो पाये कभी कोई बुरा काम हर हर महादेव |
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26
कोई तन दुखी, कोई मन दुखी, कोई धन बिन रहत उदास | थोड़े थोड़े सब दुखी, सुखी सिर्फ मेरे सतगुरु के दास ||
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12
वक्रतुण्ड महाकाय सूर्य कोटी समप्रभा,निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्व-कार्येशु सर्वदा॥
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136
श्री कृष्ण कहते हैं मुँह से मांफ करने में किसी को वक्त नहीं लगता पर दिल से मांफ करने में सारी उम्र बीत जाती है
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30
देने के बदले लेना तो बिमारी है | और जो देकर भी कुछ ना ले वही तो बांके बिहारी है | राधे राधे
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31
जय माँ वैष्णो देवी..पहाडा वाली..ज्योता वाली॥
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25
मैं हर रूप में तुम्हारी मदद के लिए आता हूँ ; मुझे ढूंढो मत केवल पहचानो |
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20
"सबसे पहला प्रेम ज़िन्दगी में उससे होना चाहिए, जिसने ये सब कुछ बनाया। उससे होना चाहिए जो बिना मांगे देता है।"
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160
माँ ! मैं सब कुछ भूल सकती हूँ…तुम्हे नहीं ।
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227
"दिल की गहराईयों से की गई सच्ची अरदास, तकदीर को भी बदलने की शक्ति रखती है।"
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152
अरे कर्मों से डरिए ईश्वर से नहीं , ईश्वर माफ कर देता है कर्म नहीं
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319
हीरा बनाया है ईश्वर ने हर किसी को, पर चमकता तो वही है जो तराशने की हद से गुजरता है . सतनाम श्री वाहेगुरु |
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12
कर्मो से डरिये, ईश्वर से नहीं, ईश्वर माफ कर देता है | कर्म माफ नहीं करते !!
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16
नैन खुले तो दर्शन हो होठ खुले तो कीर्तन हो | याद रखु सतगुरु तेरे नाम को मन भटके तो सुमिरन हो ||
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19
नमो नमो दुर्गे सुख करनी। नमो नमो दुर्गे दुःख हरनी॥
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23
जब तकलीफ़ हो जीने में तब शिव को बसा लो सीने में "हर हर महादेव"
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43
शरीर जल से पवित्र होता है, मन सत्य से, बुद्धि ग्यान से, और आत्मा धर्म से
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