ना जाने किस बात पे वो नाराज हैं हमसे, ख्वाबों मे भी मिलता हूँ तो बात नही करती..!?
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तुम किताब-ए-इश्क़ तो बनो, पन्नो पर मोहब्बत हम भर देंगे.!
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जब शिकार का वक़्त होगा, तब हम जंगल जरुर आयेगें! ?
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लिख दू तो लफ्ज़ तुम हो, सोच लू तो ख्याल तुम हो, मांग लू तो मन्नत तुम हो, और चाह लू तो मोहोब्बत भी तुम ही हो
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अजीब सा दर्द है इन दिनों यारों, न बताऊं तो ‘कायर’, बताऊँ तो ‘शायर’..!!❤️
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गायत्र्येव परो विष्णुर्गात्र्येव परः शिवः ।गायत्र्येव परो ब्रह्मा गायत्र्येव त्रयी ततः ॥
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हमारे जीने का तरीक़ा थोड़ा अलग सा है, हम उम्मीद पर नहीं ज़िद्द पर जीया करते हैं !!"
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दुआ कभी खाली नही जाती, बस लोग इंतजार नही करते.?
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हमतो फ़ना हो गया उनकी आँखें देखकर ग़ालिब, ना जाने वो आईना कैसे देखते होंगे.
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तरस गए हैं तेरे मुँह से कुछ सुनने को हम, प्यार की बात न सही कोई शिकायत ही कर दे..।।?
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कभी कभी नाराजगी, दूसरों से ज्यादा खुद से होती है।?
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शेर अपना इलाका जरूर बदलता है, पर इरादा नहीं..!! ?
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याद रखना , सपना तुम्हारे है, तो पूरा भी तुम ही करोगे .! न ही हालात तुम्हारे हिसाब से होंगे और न लोग
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कितना होशियार है ? मेरा यार.. तोहफे में घड़ी तो दे दी लेकिन वक़्त नहीं|
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रिश्तों को वक़्त और हालात बदल देते हैं...अब तेरा ज़िक्र होने पर हम बात बदल देते हैं ..
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2K
कमज़ोर बदला लेते है मजबूत माफ़ करते है समझदार नज़रअंदाज़ करते है |❤️?
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सो जाया करो जल्दी कभी – कभी, ख्वाबो को तुम्हारा इंतज़ार रहता है
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श्री कृष्ण कहते हैं मुँह से मांफ करने में किसी को वक्त नहीं लगता पर दिल से मांफ करने में सारी उम्र बीत जाती है
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मैंने उस शख्स को कभी हासिल ही नहीं किया, फिर भी हर लम्हा लगता है कि, मैंने उसे खो दिया…..
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हर वो आवाज़ दबानी है, जिसने कहा था तुमसे ना हो पाएगा !
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मोहब्बत के मारे लोग फिर कहा मिलते है, ये मुरझाए हुए गुलाब ? है, जो सिर्फ़ किताबों ? में मिलते है..
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सब खरीदा जा सकता हैं, बस जेब भारी चाहिए..!??
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कभी मिले फुर्सत तो इतना जरुर बताना वो कौनसी मोहब्बत थी जो हम तुम्हे ना दे सके
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मिलावट का जमाना है साहिब,,,कभी हमारी हां में हां भी मिला दिया करो...
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जबरदस्ती की नजदीकियों से सुकून की दूरियां ही अच्छी हैं.!
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साथ तो जिंदगी भी छोड़ देती है, शिकायत लोगों से क्या करना..
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समझा दो उन समझदारों को…कि कातिलों ?️ की गली में भी दहशत हमारे ? ही नाम की ही है |
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बेमतलब की ज़िन्दगी का सिलसिला अब ख़त्म, अब जिस तरह की दुनिया उस तरह के हम.?
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अंग्रेजी की किताब बन गई हो तुम | पसंद तो आती हो पर समझ् मे नही ||
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कितने शौक से छोड़ दिया तुमने बात करना जैसे सदियों से तेरे ऊपर कोई बोझ थे हम
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