बहुत अंदर तक तोड़ डालता है, वह अश्क जो आंखों से बह नहीं पाता |
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“वक़्त का इंतज़ार कीजिए जनाब, इस बार हम नहीं, आप हमसे मिलने आएंगे।”?
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यकीन रखिए, रब दूसरा दरवाजा खोले बगैर पहला दरवाजा बंद नहीं करता |
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129
ख़ामोशी से भी नेक काम होते हैं, मैंने देखा है पेड़ों को छाँव देते हुए.
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209
Diabetes का डर इतना बढ़ गया है के मीठा खाना तो छोड़ ही दिया है बल्कि मीठा बोलना भी छोड़ दिया है
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268
मुसाफ़िर कल भी थी मुसाफ़िर आज भी है, कल अपनों की तलाश में थी आज अपनी तलाश में हूँ!!!?
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काश तू लौट आये और कहे बस बहुत हो गया अब नहीं रहा जाता तेरे बिना
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हर किसी के हो जाए इतने सस्ते थोड़ी है हम ?
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अजीब सी आदत है अपनी, नफरत हो या मोहब्बत बड़ी शिद्दत से करते हैं ।??
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महानता कभी ना गिरने में नहीं है, बल्कि हर बार गिरकर उठ जाने में है
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103
सब खरीदा जा सकता हैं, बस जेब भारी चाहिए..!??
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75
मै रात भर जन्नत की सैर करता रहा यारों , आंख खुली तोह देखा सर माँ के कदमो मे था.
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दुश्मनों की अब किसे जरूरत है, अपने ही काफी है, दर्द देने के लिए।❤️
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प्रेम अगर करना ही है तो, मेरे "कन्हा" से करो जिसके विरह में रोने से भी तुम्हारा उद्धार हो जाएगा !!
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तेरे पास जो है उसकी कदर कर , यहां आसमान के पास भी खुद की ज़मीं नहीं
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गुल गई गुलशन गई, गई होंठो की लाली, अब तो मेरा पीछा छोड़, तू हो गई बच्चो वाली। ??
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अब तो इज़ाज़त लेनी होगी तुम्हे याद करने से पहले, मालिक जो बदल लिए है तुमने ।??
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वो नकाब लगा कर खुद को इश्क से महफूज समझते रहे ; नादां इतना भी नहीं समझते कि इश्क चेहरे से नहीं आँखों से शुरू होता है
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हारने के बाद भी खड़ा होना चाहिए, इंसान का संघर्ष इतना बड़ा होना चाहिये |
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ऐसी कोई मंजिल नहीं जहां तक पहुंचने का कोई रास्ता ना हो .
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एक खूबसूरत सा रिश्ता यूँ खतम हो गया..हम दोस्ती निभाते रहे…..और उसे इश्क हो गया
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जिंदगी कैसी अजीब हो गई है खुश दिखना खुश होने से ज्यादा जरूरी हो गया है। ?
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"तुम" याद आओगे यकीन था मुझे, इतना आओगे अंदाजा नहीं था...!
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मारना ही था तो गोली मार देते यूँ पल पल तड़पाने की वजह क्या है ?
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तेरी यादें, तेरी बातें, बस तेरे ही फसाने है, हाँ कबूल करते है, कि हम तेरे दीवाने है..??
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रास्तों ने चाहा तो फिर मिलेंगे हम, मंजिल का तो कोई इरादा नहीं लगता !?
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उसने ही जगत बनाया है कण-कण में वो ही समाया है दुख में भी सुख का अहसास होगा जब सिर पर शिव का साया है
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मुझे नफरत पसंद है, लेकिन दिखावे का अपनापन नहीं ?
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जब रिश्तों में ग़लतफहमी आ जाये तो, सच्चा प्यार भी झूठा लगने लगता है.
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गुरुर” किस बात का करू मरने के बाद मेरे "अपने" ही, मुझे छूने के बाद हाथ" धोएंगे...!??
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