ख्वाहिश थी उस रिश्ते को बचाने की… और बस इक यही वजह थी मेरे हार जाने की…
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18
चाय ख़त्म होने तक तुम रुकने का वादा करो, हम आखिरी घूँट भी आखिरी साँस तक पीते रहेंगे.
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23
हम खुद से बिछड़े हुये लोग हैं, तुमसे क्या मिल पायेंगे |
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37
रोज रोते रोज़ ये कहती है जिंदगी मुझसे, सिर्फ एक शख्स की खातिर यूँ मुझे बर्बाद ना कर।
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141
कितनी जल्दी फैसला कर लिया जाने का, एक मौका भी नहीं दिया मनाने का
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81
*हर किसी को सफ़ाई मत दीजिये* *आप इंसान हैं, डिटर्जेंट नहीं...*
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843
अरे कर्मों से डरिए ईश्वर से नहीं , ईश्वर माफ कर देता है कर्म नहीं
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319
नहीं करता मैं तेरा जिक्र किसी तीसरे से, तेरे बारे में बात सिर्फ खुदा से होती है.
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12
धड़कनों को कुछ तो काबू में कर ऐ दिल अभी तो पलके झुकाई है मुश्कुराना बाकि है |
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23
शिकायत नहीं है मुझे किसी से बस नजरों से गिर गए है कुछ लोग ।
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25
हम मरेगें भी तो उस अंदाज से मरेगें, जिस अंदाज में लोग जीने को भी तरसते है
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29
"आदमी का अमीर होना जरूरी नहीं है जमीर होना जरूरी है।" ?
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123
इश्क़ की बात न करो जनाब जले बैठे हैं, खामखा गाली दे देंदे |?
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66
अंग्रेजी की किताब बन गई हो तुम | पसंद तो आती हो पर समझ् मे नही ||
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151
गम ने हंसने ना दिया, जमाने ने रोने ना दिया, नींद आई तो तेरी याद ने, सोने न दिया।?
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59
उसने पुछा जिंदगी किसने बरबाद की । हमने ऊँगली उठाई और अपने ही दिल पर रख ली ।
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30
इन्सान सब कुछ कॉपी ? कर सकता हैं, लेकिन किस्मत और नसीब नही...?
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68
ए खुदा अगर तेरे पेन की श्याही खत्म है..तो मेरा लहू लेले....यू कहानिया अधूरी न लिखा कर।
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623
इजहार से नहीं इन्तज़ार से पता चलता है, कि मोहब्बत कितनी गहरी है ! ❤️
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164
मुस्कुराने की अब वजह याद नहीं रहती, पाला है बड़े नाज़ से मेरे गमों ने मुझे!!
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धोखा देने के लिए शुक्रिया तेरा ! तुम न मिलती तो दुनिया की समझ न आती ?
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15
खफा ? रहने का शौक भी पूरा कर लो तुम, लगता है तुम्हे हम ज़िंदा अच्छे नहीं लगते ?
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29
हमारी ताकत का अंदाजा हमारे ज़ोर से नहीं , दुश्मन के शोर से पता चलता है !??
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भुला दूंगा तुझे ज़रा सब्र तो कर , तेरी तरह मतलबी बनने में थोड़ा वक़्त तो लगेगा ही।
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कुछ नही मिलता बस एक सबक़ मिल जाता हैं, ख़ाक हो जाता हैं इंसान, ख़ाक से बने इंसान के पीछे।।
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18
आज सारा दिन उदास गुजर गया, अभी रात की सजा बाकि है....
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माना की मरने वालों को भुला देतें है….सभी ...मुझे जिंदा भूलकर उसने कहावत ही बदल दी…
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खुद को इस काबिल बनाओ कि तुम्हारे इत्र से ज्यादा तुम्हारे चरित्र की महक आए |
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अपनी मर्जी से भी दो चार कदम चलने दें ऐ-जिन्दगी, तेरे कहने पे तो बरसों चलें हैं..?
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ज़िंदगी में प्यार क्या होता है ये उस शक्स से पूछो जिसने दिल टूटने के बाद भी इंतज़ार किया हो
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