अभी से वो होना शुरू कीजिये जो आप भविष्य में होंगे
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121
हम तो दोस्ती में ही खुश थे, तुमने ही गले लगा कर बात बिगाड़ दी..??
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181
क्या खूब मजबूरियां थी मेरी भी.. अपनी खुशी को छोड़ दिया” उसे" खुश देखने के लिए ??
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37
मुझे पागलो से दोस्ती करना पसंद है साहब..क्योंकि मुसीबत में कोई समझदार काम नहीं आता..?
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77
रात भर जलता रहा ये दिल उसकी याद में समझ नहीं आता दर्द प्यार करने से होता है या याद करने से |
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7
नाम की दोस्ती काम की यारी दूसरो की तरह ये आदत नहीं हमारी |❤️?
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142
उम्र कुछ नहीं कहती साहब कारनामे हैसियत बताते है |
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मैं बस खुद को अपना मानता हूँ क्योकि दुनियां कैसी है अच्छी तरह जानता हूं |??
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चले जाएंगे तुझे तेरे हाल पर छोड़कर, कदर क्या होती है ये तुझे वक्त सिखा देगा ??
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6
थोड़ा और बताओ ना मुझे मेरे बारे में, सुना है बहुत अच्छे से जानते हो तुम मुझे ।।?
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22
आप होशियार है अच्छी बात है, पर हमें मूर्ख ना समझे यह उससे भी अच्छी बात है !??
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67
यूँ ही भटकते रहते हैं अरमान तुझसे मिलने के, न ये दिल ठहरता है न तेरा इंतज़ार रुकता है
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53
जिन्दगी जीते है हम शान से, तभी तो दुश्मन जलते है हमारे नाम से. ?
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जब अपने ही परिंदे किसी और के दाने के आदी हो जाएं.. तो उन्हें आज़ाद कर देना चाहिए..?
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तुम मेरा नाम जानते हो, मेरी कहानी नहीं!?
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मुसाफ़िर हैं हम भी मुसाफ़िर हो तुम भी किसी मोड़ पर फिर मुलाक़ात होगी
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प्रेम हो तो राधा कृष्ण जैसा भले ही साथ ना हुए मगर नाम आज भी साथ लिया जाता है..!!
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अकेली रात बोलती बहुत है लेकिन सुन वही सकता है जो खुद भी अकेला हो
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26
सब खरीदा जा सकता हैं, बस जेब भारी चाहिए..!??
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75
मुझसे नफरत तभी करना जब मेरे बारे में सब कुछ जान जाओ, तब नहीं जब किसी से सुना हो।?
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46
मुझे छोड़कर वो खुश है तो शिकायत कैसी.. अब मै उन्हें खुश भी न देखों तो मोहब्बत कैसी ...
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21
अगर आप जिद्दी हो तो आप अपने हर सपने को हकीकत में बदल सकते हो
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सच कहा था किसी ने तन्हाई में जीना सीख लो मोहब्बत जितनी भी सच्ची हो साथ छोड़ ही जाती है. |
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40
अब इतने भी भोले नहीं कि तुम वक़्त गुज़ारो और हम उसे प्यार समझे |
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15
दोस्ती भी ज़रूरी है इस सफर ऐ जिन्दगी में, रात को साथ चाय पीने मेहबूब नहीं जाते .
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तेरी नाराज़गी वाजिब है दोस्त.. मैं भी खुद से खुश नहीं हूं आजकल...
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खफा रहने का शौक भी पूरा कर लो तुम, लगता है तुम्हे हम ज़िंदा अच्छे नहीं लगते। ?
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वो भी बात करते है कदर की , जो खुद किसी की कदर नहीं करते...
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कलयुग है साहेब, यहाँ झूठे को स्वीकार किया जाता हैं, और सच्चे का शिकार किया जाता हैं..?❤️
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तेरे दिल के बाजार में मै रोज़ बिकती हुं , कुछ लफ्ज़ तेरी यादों के हर रोज़ लिखती हुं
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