जो सबका मित्र होता है वो किसी का मित्र नहीं होता है
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आज भी लड़खड़ा जाती है आवाज़..जब कोई पूछता है तुम्हारे बारे में.. ❤️
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मुझे रिश्तों की लम्बी कतारों से क्या मतलब? कोई दिल से हो मेरा तो एक शख्स ही काफी है।💯❤️
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मैं कैसे छोड़ दूं तुझे ऐ दोस्त. जब कोई नहीं था, तब तू ही तो था।💙🥀
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नफ़रत करना तो हमने कभी सीखा ही नहीं, मैंने तो दर्द को भी चाहा है, अपना समझ कर |🥰
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चैन से गुज़र रही थी ज़िन्दगी,और फिर तुम मिल गए!
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छोड़ दिया अब हमनें उस बेवफा का इंतजार करना दोस्तों जब रात गुजर सकती है तो ज़िंदगी भी गुजर जाएगी
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बहुत दर्द छुपा है सीने में पर अलग ही मज़ा है दूसरों के सामने हस के जीने में ❤️🔥
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हम घोड़े के ट्रिगर पे नही, बल्की खुद के जिगर पे जीते है..!💪
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कौनसा अंदाज़ है ये👩तेरी महोब्ब्त का💗, ज़रा हमको भी समझा दे…मरने से भी रोकते हो, और जीने भी नहीं देते..!!
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जो पूरा न हो सका.. वो किस्सा हूँ मै, छूटा हुआ ही सही.. तेरा हिस्सा हूँ मै | ❤️
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मत कोशिश करो मुझ जैसा बनने की क्योकि शेर पैदा होते हैं बनाए नहीं जाते 🦁
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एक ऐसा लक्ष्य भी होना चाहिए जो सुबह उठने पर मजबूर कर दे.
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"उतर जाते है कुछ लोग दिल में इस कदर इन्हे दिल से निकालो तो जान निकल जाती है..."
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कितना भी खुश रहने की कोशिश कर लो, जब कोई याद आता है तो बहुत रुलाता है 😭😭
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जरुरी तो नहीं हर पल तेरे पास रहू मोहब्बत और इबादत दूर से भी की जाती है
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हँसते हुए चेहरों को ग़मो से आजाद ना समझो, मुस्कुराहट की पनाहों मे हजारों दर्द होते है..!!
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रोज रोते रोज़ ये कहती है जिंदगी मुझसे, सिर्फ एक शख्स की खातिर यूँ मुझे बर्बाद ना कर।
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दस्तक़ और आवाज़ तो कानों के लिए है.. जो रूह को सुनाई दे उसे खामोशी कहते हैं..
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नुक्स निकालते है वो इस कदर हम मे , जैसे उन्हे खुदा चाहिए था और हम इंसान निकले 😔
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ऐसा नही है कि मुझमे कोई ‘ऐब’ नही है.. पर सच कहता हूँ मुझमें ‘फरेब’ नहीं है
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Diabetes का डर इतना बढ़ गया है के मीठा खाना तो छोड़ ही दिया है बल्कि मीठा बोलना भी छोड़ दिया है
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अपनी कलम से दिल से दिल ❤️ तक की बात करते हो, सीधे सीधे कह क्यों नहीं देते हम से प्यार 🥰 करते हो।।
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एक एहसान कर दे मुझपे, एक पत्थर दिल मुझे भी ला दे |
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जब दो लोगो के बीच में तीसरा इंसान आ जाता है तो दूरियां अपने आप बढ़ जाती है
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हम ऊंची आवाज़ पसंद नहीं करते, ख़ामोश रहो या औकात में 😠😠
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मैं मर जाऊँ तो मेरी कब्र पे लिख देना मौत बेहतर हैं दिल लगाने से...!!
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मैं बस खुद को अपना मानता हूँ क्योकि दुनियां कैसी है अच्छी तरह जानता हूं |😠😠
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जो ज़ख़्म लगे हुए हैं दिल पर उनका मर्ज़ क्या होता है महफ़िल वालों तुम क्या जानो तन्हाई का दर्द क्या होता है....
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सफाईया देनी छोड़ दी मैंने सीधी सी बात है, बहुत बुरे है हम..😡😡
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