हारना मंज़ूर है मुझे पर, खेल तो में बड़ा ही खेलूंगा,?
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86
मैंने दबी आवाज में पूछा, मोहब्बत करने लगी हो, नजरें झुका कर वो बोली, "बहुत"
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65
उस दिन चैन तो तुम्हारा भी उड़ेगा जिस दिन हम तुम्हे लिखना छोड़ देंगे |
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205
तू मिले या न मिले ये तो मुक़द्दर की बात है मगर सुकून बहुत मिलता है तुझे अपना सोच कर
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301
क्या खाक तरक्की की आज की दुनिया ने, मरीज ऐ इश्क़ तो आज भी लाइलाज बैठे है. ?❤️
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10
माना कि तुझसे दूरियां कुछ ज्यादा ही बढ़ गई हैं, पर तेरे हिस्से का वक़्त आज भी तन्हा गुजरता है |??
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21
क्या खूब मजबूरियां थी मेरी भी.. अपनी खुशी को छोड़ दिया” उसे" खुश देखने के लिए ??
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37
अपना ख्याल रक्खा करो बेशक साँसे तुम्हारी है लेकिन जान तो हमारी है .
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113
देखने के लिए सारी कायनात भी कम, चाहने के लिए एक चेहरा भी बहुत है |?
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121
काश ये दिल बेजान होता…न किसी के आने से धडकता…न किसी के जाने से तडपता…!
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171
मेरी चाहत का इस तरह मजाक मत बनाओ, कि तुम्हारी आंखें ?️ ही तरस जाए, मुझे दोबारा देखने के लिए।
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35
काल भी तुम और महाकाल भी तुम लोक भी तुम और त्रिलोक भी तुम शिव भी तुम और सत्यम भी तुम |
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36
जितना मुश्किल किसी को पाना होता है.... उससे ज़्यादा मुश्किल उसे भुलाना होता है....
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63
गलतफहमी में ना रहना की जो लिखता हूँ तेरे लिए लिखता हूँ, क्यूँकि मेरे शब्द इतने सस्ते नही की तुझपे जाया करूँ।?
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82
बोहत खुश थे हम साथ में फिर उसे किसी और का साथ मिल गया |
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9
चाहने वाले लाखों मिलेंगे तुम्हें, मगर परवाह करने वाला हर कोई नहीं होता |?❤️
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148
कितने अनमोल होते है, ये यादों के रिश्ते भी , कोई याद ना भी करे, तो चाहत फिर भी रहती है
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29
कब तक बातों से दिल ❤️ बहलायें,अब वो मुझे रूबरू चाहिए !! ?
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36
दर्द ? है मगर ज्यादा नहीं नाराज़ हूँ ,मगर बिछड़ने का इरादा नहीं !!?
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64
इस दुनिया के लोग भी कितने अजीब है ना , सारे खिलौने छोड़ कर जज़बातों से खेलते हैं
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33
मत किया कर ऐ दिल किसी से मोहब्बत इतनी, जो लोग बात नहीं करते, वो प्यार क्या करेंगे।??
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84
मैं भिखारी भी बन जाऊँगा तेरी खातिर, कोई डाले तो सही मेरी झोली में तुझे!
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29
छड्ड दे फिकरा कल दिया, तूं हस के अज गुज़ार, कल जो होना होके रहना, आपे भली करू करतार वाहेगुरु जी
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9
धन भी रखते है गन ? भी रखते है, और_सुन बेटा, थोड़ा हटके रईयो वरना, ठोकने का ज़िगर ? भी रखते है।
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17
नही बस्ती किसी और की सूरत अब इन आंखों में, काश हमने तुझे कभी इतने गौर से न देखा होता |??
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72
लोग कहते हैं समझो तो खामोशियाँ भी बोलती हैं , मैं अर्सों से खामोश हूँ वो बरसों से बेखबर है
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122
काफी मिलती जुलती थी हमारी आदते ,न उसने पुकारा न मेने पलट के देखा ?
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13
जितनी दफ़ा ज़िद्द हो मेरी...उतनी दफ़ा तू चाहिए!✨?
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जिन्दगी न जाने किस मुकाम तक पहुँच गई है, तन्हाई में रोना पड़ता है और महफ़िल में हँसना पड़ता है||
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