अकेली रात 🌃 बोलती बहुत है, लेकिन सुन वही सकता है जो खुद भी अकेला 😟 हो |
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कहाँ से लाऊं वो नसीब, जो तुझे मेरा कर दे...
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वो भी बात करते है कदर की , जो खुद किसी की कदर नहीं करते...
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हर नई चीज अच्छी लगती है, मगर दोस्त पुराने ही अच्छे लगते है..!
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कोई पूछेगा तो सुबह का भूला कह देंगे, तुम आओ तो सही,हम शाम को सवेरा कह देंगे
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शीशे की तरह साफ़ हूँ फिर भी न जाने क्यू अपनों की समझ से बाहर हूँ..🥺
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फ़ासले तो बढ़ा रहे हो मगर इतना याद रखना, मुहब्बत💗बार बार इंसान पर मेहरबान नहीं होती👏…!!
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बहुत थे मेरे भी इस दुनिया में अपने, फिर हुआ सच बोलने का नशा और हम लावारिस हो गए..
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मुद्दत के बाद जिन्दगी फिर से मुस्कुराने लगी है , किसी की धडकन हमें अपना बनाने लगी है...!!
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साथ तो जिंदगी भी छोड़ देती है, शिकायत लोगों से क्या करना..
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अगर जींदगी मे कुछ पाना हो तो, तरीके बदलो.. ईरादे नही
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समझ जाते वो अगर हमारी चाहत को, तो हम उनसे नहीं वो हमसे मोहब्बत करते.
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मुझे मरने का शौक तो नहीं है पर, तेरे इश्क़ से बेहतर मौत ही है..!
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वजह कुछ और थी वो कुछ और ही बताते रहे, अपने थे इसलिए कुछ ज्यादा ही सताते रहे.
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जिस चीज़ का तुम्हे खौफ है, उस चीज़ का हमे शौंक है।
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मुझे पसंद है शांत रहना इसे मेरी कमजोरी मत समझना |💪
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मोहब्बत होने में कुछ लम्हे लगते है पूरी उम्र लग जाती है उसे भुलाने में.
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हम सिर्फ अच्छे दोस्त हैं कुछ ऐसी ही होती है अधूरी मोहब्बत.!!
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अच्छा हूँ या बुरा हूँ, अपने लिए हूँ ,मैं खुद - को नहीं देखता औरों की नज़र से !😊😊
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किसी दूसरे का टाइमपास बनने से अच्छा है अपने करियर पर ध्यान दो |
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हमारे जैसे बनने की कोशिश मत करो शेर 🦁 पैदा होते हैं बनाये नहीं जाते !
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बड़े संभल कर चल रहे थे, ज़िन्दगी के सफर में, उसने एक नज़र देखा और हम गुमराह हो गए 😍😍
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खामोशियां बेवजह नहीं होती, कुछ दर्द आवाज छीन लिया करते हैं.
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मोहब्बत का एक फरिश्ता ऐसा मिला खुदा तो नही पर खुदा सा मिला
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कौन होता है दोस्त? दोस्त वो जो बिन बुलाये आये, बेवजह सर खाए, जेब खाली करवाए, कभी सताए, कभी रुलाये, मगर हमेशा साथ निभाए.
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उसके मुस्कुराने के बाद पता चला, शिकायतें भी बड़ी हसीन होती हैं!
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जो ज़ख़्म लगे हुए हैं दिल पर उनका मर्ज़ क्या होता है महफ़िल वालों तुम क्या जानो तन्हाई का दर्द क्या होता है....
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न कोई चेला न कोई मेला, मन मिले तो मिल जाओ मुझसे , वरना शिव भक्त चले अकेला || बम बम भोले ||
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इश्क न हुआ कोहरा हो जैसे....तुम्हारे सिवा कुछ दिखता ही नहीं....
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कभी कभी नाराज़गी दूसरों से ज्यादा खुद से होती है |
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