मोहब्बत नहीं है उसे मुझसे ये जानता हूँ मैं फिर भी ये बात कहाँ मानता हूँ मैं
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कितनी खूबसूरत हो जाती है दुनिया,जब कोई अपना कहता है की तुम बहुत याद आ रहे हो..
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ऐसा-वैसा नहीं बेहद और बेशुमार चाहिये... मुझे तुम... तुम्हारा वक्त... और तुम्हारा प्यार चाहिये...
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अजीब खेल है ये मोहब्बत का, किसी को हम न मिले, कोई हमें ना मिला।??
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जब भी जिंदगी रुलाये समझना गुनाह माफ़ हो गये...जब भी जिंदगी हँसाये समझना दुआ कुबूल हो गई...
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काश रोने से नसीब बदल जाता, कसम तुम्हारी आंसुओं से दुनिया डुबो देते ??
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अभी तो उनसे नजरें मिली ही थीं, कि हम अपना दिल वहीं छोड़ आये! कहने को तो बहुत कुछ था, पर कम्बखत वक़्त को हम रोक न पाये!!
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कौन कहता है कि वक्त बहुत तेज़ है, कभी किसी का इंतज़ार तो करके देखो..⌛
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मोहब्बत कितनी भी सच्ची कर लो ..... लोंगो को सच्ची मोहब्बत वाले नही .... अच्छी शक्ल वाले ही पसन्द आते है ...
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मैंने उस शख्स को कभी हासिल ही नहीं किया, फिर भी हर लम्हा लगता है कि मैंने उसे खो दिया…..!
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फिर ग़लतफैमियो में डाल दिया.. जाते हुए मुस्कुराना ज़रूरी था
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*दोस्त बेशक एक हो* *लेकिन ऐसा हो,* *जो अलफाज से ज्यादा* *खामोशी को समझें*
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आरज़ू होनी चाहिए किसी को याद करने की, लम्हें तो अपने आप ही मिल जाते हैं।
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मिलना तेरा मिलना मेरा …मिलना था क़िस्मत में लिखा…
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चंद पल साथ रहा फिर जुदा हो गया एक शख़्स न जाने कब खुदा हो गया |
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इज़्ज़त, मोहब्बत, तारीफ़ और दुआ...माँगी नहीं जाती, कमाई जाती है...।।
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यदि आप सच कहते हैं, तो आपको कुछ याद रखने की जरूरत नहीं रहती
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किसीने क्या खूब कहाँ हैं, मोहब्बत नहीं यादें रुलाती हैं..!?
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ऐ मोहब्बत तुझे पाने की कोई राह नहीं, शायद तू सिर्फ उसे ही मिलती है जिसे तेरी परवाह नही
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थोड़ा और बताओ ना मुझे मेरे बारे में, सुना है बहुत अच्छे से जानते हो तुम मुझे ।।?
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हर रोज़, हर वक़्त तुम्हारा ही ख्याल ना जाने किस कर्ज़ की किश्त हो तुम
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दुश्मनी मंजूर है साहब, किसी के तलवे चाटना हमारे उसुलो के खिलाफ है |??
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साजिशों का पहरा होता है हर वक़्त रिश्ते भी बेचारे क्या करें, टूट जाते हैं बिखर कर...
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दुरिया मायने नहीं रखती, जब दिल एक दुसरे के वफादार हो।
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हम तो मोहबत के नाम से भी अनजान थे, एक शख्स की चाहत ने पागल बना दिया ❤️?
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मेरी आत्मकथा.... सिर्फ तुम्हारी कहानी है....
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कर्म तेरे अच्छे है तो किस्मत तेरी दासी है || नियत तेरी अच्छी है तो घर मथुरा काशी है ||
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तेरे इश्क ने सरकारी दफ्तर बना दिया दिल को, ना कोई काम करता है,ना कोई बात सुनता है .....
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उसने ही जगत बनाया है कण-कण में वो ही समाया है दुख में भी सुख का अहसास होगा जब सिर पर शिव का साया है
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मरता था जिनके लिए वो अब मर गए है मेरे लिए.
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