तुमने समझा ही नहीं और ना समझना चाहा, हम चाहते ही क्या थे तुमसे “तुम्हारे सिवा |❤️
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जिनको मेरा हाथ पकड़ना चाहिए था वो मेरी एक गलती पकड़े बैठे है |
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बदला भी क्या लूं तुमसे ,,आज भी हंसते हुए अच्छे लगते हो ।
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गर्लफ्रेंड: तुम्हारा दिमाग एकदम सड़ गया है। पप्पू: हां, शायद तुम्हें ज्यादा पता है। रोज-रोज खाती जो रहती हो।
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91
उसने कहा तुम सबसे अलग हो, सच कहा और कर दिया मुझे सबसे अलग |
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34
कमाल करता है, तू भी ऐ दिल. उसे फुर्सत नहीं और तुझे चैन नहीं. ॥
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18
मुझको क्या डराओगे मौत से मैं तो पैदा ही क़ातिलों की गली में हुआ हूँ। ?
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15
नही बस्ती किसी और की सूरत अब इन आंखों में, काश हमने तुझे कभी इतने गौर से न देखा होता |??
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सफल होने के 3 नियम खुद से वादा, मेहनत ज्यादा और मजबूत इरादा | ?
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मुझे "परखने " में पूरी ज़िन्दगी लगा दी उसने काश कुछ वक़्त "समझने" में लगाया होता
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10
कुछ सही तो कुछ खराब कहते हैं, लोग हमें बिगड़ा हुआ नवाब कहते हैं |?
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बहुत अच्छा लगता है उन रिश्तेदारों के घर जाना, जो जाते ही कहते हैं कि बेटा वाइफ़ाई का पास्वर्ड लो और आराम से अपना घर समझ के बैठो ?
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303
ऊंचाई पर वे ही पहुँचते है जो बदला नहीं, बदलाव लाने की सोच रखते हैं।
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ये जीवन है...साहब.. उलझेंगे नहीं, तो सुलझेंगे कैसे... और बिखरेंगे नहीं, तो निखरेंगे कैसे....?
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260
क्यूँ उदास बेठे हो इस तरहा अंधेरे मैं, दुःख कम नहीं होते रौशनी बुझाने से
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25
वक़्त गूंगा नहीं, बस मौन हैं, वक़्त आने पर बता देता हैं की किसका कौन हैं...
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फितरत तो कुछ यूं भी है इन्सान की बारिश ख़त्म हो जाए तो छतरी भी बोझ लगती है ✔️
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इंसान हो तो सच्चे रहो बाकी,,, झूठे तो बर्तन भी होते है ?
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जी भर गया है तो बता दो हमें इनकार पसंद है इंतजार नहीं…!?
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जब भी मैं तुमसे दूर होता हूँ, मुस्कुराते हुए तुम्हारे पुराने मेसेज और चिट्ठियां दोबारा दोबारा पढता हूँ ! हाँ ! तुमसे इतना प्यार करता हूँ मैं
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तेरे पास जो है उसकी कदर कर , यहां आसमान के पास भी खुद की ज़मीं नहीं
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बहुत देखा है ज़िन्दगी में समझदार बनकर ,, मगर खुशी हमेशा पागल बनकर ही मिली है।
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ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं । भर्गो देवस्य धीमहि, धीयो यो न: प्रचोदयात् ।।
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233
दुनिया की हर चीज ठोकर लगने से टूट जाती है,एक कामयाबी ही है जो ठोकर लगने से मिलती है
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उम्मीद तो उसी दिन छोड़ दी, जब तुम्हें उस अजनबी के करीब देखा था। ?
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सो जाया करो जल्दी कभी – कभी, ख्वाबो को तुम्हारा इंतज़ार रहता है
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वक़्त कितना भी बदल जाए मेरी मोहब्बत कभी नहीं बदलेगी ...
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उसने ही जगत बनाया है कण-कण में वो ही समाया है दुख में भी सुख का अहसास होगा जब सिर पर शिव का साया है
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अनजान बन कर मिले थे, पता ही नहीं चला कब जान बन गए.
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माफी गलतियों की होती है गुनाहों की नहीं! ?
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