किसी के अंदर ज़्यादा डूबोगे तो टूटना पड़ेगा यकीन न हो तो बिस्कुट से पूछ लो
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अधूरी कहानी पर खामोश लबों का पहरा है, चोट रूह की है इसलिये दर्द जरा गहरा है❤️?
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खुद को इस काबिल बनाओ कि तुम्हारे इत्र से ज्यादा तुम्हारे चरित्र की महक आए |
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ना चाँद अपना था और ना तू अपना था ...!! काश दिल भी मान लेता की सब सपना था
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हर रोता हुआ लम्हा मुस्कुराएगा,? तू सब्र रख अपना वक्त भी आएगा..⌚
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मुझ से पहले भी उसका कोई था मेरे बाद भी उसका कोई है
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कोई मानो या ना मानो पर ज़िन्दगी में दो ही लोग अपने होते है, एक खुद और दूसरा ख़ुदा।
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नाम बनाने के लिए दिल ❤️ से नहीं दिमाग ? से चलना पड़ता हैं..!
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एक आखिरी मुलाक़ात की ख्वाहिश थी पर अलविदा भी वो फ़ोन पर ही कह गए....?
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कभी-कभी किसी से ऐसा रिश्ता भी बन जाता हैं...कि हर चीज से पहले उसी का ख्याल आता है
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तेरे बाद हमारा हमदर्द कौन बनेगा, हमने तो सब छोड़ दिया तुझे पाने की जिद्द में।
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खुशियाँ दिखावे की हो सकती हैं, जनाब ग़म तो छुपाने से भी नहीं छुपता है|
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तेरी आँखों?से यूँ तो सागर भी पिए है मैंने?…तुझे क्या खबर जुदाई के दिन कैसे जिए है मैंने…!!
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हरकते बदल दीजिए, वरना हम ? हालात बदल देंगे..!!
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जितनी दफ़ा ज़िद्द हो मेरी...उतनी दफ़ा तू चाहिए!✨?
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दुख में अक्सर जज्बात मर जाते हैं, मगर इंसान जीना सीख जाता है ✔️
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कितना भी समेट लो.. हाथों से फिसलता ज़रूर है.. ये वक्त है साहब.. बदलता ज़रूर है..!!❤️
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“होठों की हँसी को ना समझ हक़ीक़त-ए-जिंदगी,दिल में उतर के देख हम कितने उदास है”
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बात पैसे ? की नहीं होती है बात टाइम ⏱️ की होती है टाइम खराब हो तो पैसा भी साथ छोड़ देता है |?
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धड़कनों को कुछ तो काबू में कर ऐ दिल अभी तो पलके झुकाई है मुश्कुराना बाकि है |
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अब नहीं है, हमे किसी के लौटने का इंतज़ार जो मेरे थे वो मेरे साथ है, जो नहीं थे वो आजाद है...??
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जिंदगी उस दौर से गुजर रही है दिल दुखता है लेकिन चेहरा हंसता है |
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जब दो लोगो के बीच में तीसरा इंसान आ जाता है तो दूरियां अपने आप बढ़ जाती है
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दोस्त बेशक एक हो लेकिन ऐसा वह जो अल्फाज से ज्यादा खामोशी को समझे
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फिर ग़लतफैमियो में डाल दिया.. जाते हुए मुस्कुराना ज़रूरी था
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मोहब्बत तो मेरी आधी रह गई, मगर खुश हूँ मैं क्यूंकि उसका टाइम पास तो पूरा हो गया ||
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वो ज़िंदगी ही क्या जिसमे मोहब्बत नही, वो मोहबत ही क्या जिसमे यादें नही, वो यादें क्या जिसमे तुम नही, और वो तुम ही क्या जिसके साथ हम नही!!
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क्यों गरीब समझते हैं हमें ये जहां वाले, हजारों दर्द की दौलत से मालामाल हैं हम…...!
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अंदर तक तोड़ देते हैं, वो आंसू जो रात के अंधेरे में चुपचाप निकलते हैं.
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चीजें खुद नहीं होतीं , उन्हें करना पड़ता है
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