ज़िंदगी को आसान नहीं बस खुद को मजबूत बनाना पड़ता है
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फर्क तोह लोगो की सोच का है वरना दोस्ती भी मोहब्बत से कम नहीं होती.
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काम ऐसा करो की नाम हो जाए, या फिर नाम ऐसा करो की सुनते ही काम हो जाए| ??
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ज़िंदगी आसान नहीं होती इसे आसान बनाना पड़ता हैं..
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कैसा अजीब खेल है मोहब्बत का जनाब, एक थक जाए तो दोनों हार जाते हैं |
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बहुत भरोसे टूटे...लेकिन भरोसे की, आदत नहीं गई..!!
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वक्त के बदल जाने से इतनी तकलीफ नहीं होती, जितनी किसी अपने के बदल जाने से होती है |
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जब रिश्ते ही दम तोड़ चुके हों.... तो फिर प्यार, इजहार,गलती का अहसास ,सही गलत कुछ भी मैटर नहीं करता। ?
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छूकर भी जिसे छू न सके, वो चाहत होती हैं इश्क़ , कर दे फना जो रूह को, वो इबादत होती हैं इश्क़
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मेरा और उसका क़िस्सा कुछ ऐसा है मेरी छोटी सी दुनिया का वो खूबसूरत हिस्सा है |
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बुरी आदतें अगर वक़्त पे ना बदलीं जायें, तो वो आदतें आपका वक़्त बदल देती हैं.
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ये बार बार छोड़ने का शौक तुम्हें ही था, हमनें तो पलके तक भिगोई थीं तुम्हें रोकने के खातिर.
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अगर बाज़ ? की तरह उड़ना है.. तो कबूतरों का साथ छोड़ना पड़ेगा.!!?
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सपनों को पाने के लिए समझदार नही पागल बनना पड़ता है |?
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रिश्ता दिल में होना चाहिए शब्दों में नहीं और नाराजगी शब्दों में होनी चाहिए दिल में नहीं।
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कौन होता है दोस्त? दोस्त वो जो बिन बुलाये आये, बेवजह सर खाए, जेब खाली करवाए, कभी सताए, कभी रुलाये, मगर हमेशा साथ निभाए.
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कितना भी मुश्किल क्यूँ न हो सफ़र जिंदगी का, मोहब्बत का साथ मिले तो आसानी से कट जाता है !
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कितनी खूबसूरत हो जाती है दुनिया,जब कोई अपना कहता है की तुम बहुत याद आ रहे हो..
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प्यार का मतलब तो नहीं मालूम मुझे, मगर जब जब तुझे देखूँ दिल धड़कने लगता है।?
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बहुत थे मेरे भी इस दुनिया में अपने, फिर हुआ सच बोलने का नशा और हम लावारिस हो गए..
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लिख दू तो लफ्ज़ तुम हो, सोच लू तो ख्याल तुम हो, मांग लू तो मन्नत तुम हो, और चाह लू तो मोहोब्बत भी तुम ही हो
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“प्यार का रिश्ता कितना अजीब होता है, मिल जाये तो बातें लम्बी और बिछड़ जाए तो यादें लम्बी।”
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कभी वक़्त मिले तो सोचना जरुर, वक़्त और प्यार के अलावा तुमसे माँगा ही क्या था।?
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“किसी को चाह कर ना पाना दर्द देता है, लेकिन पाकर खो देना ज़िन्दगी तबाह कर जाता है…..!”
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बदल दिया है मुझे मेरे चाहने वालो ने ही… वरना मुझ जैसे शख्स में इतनी खामोशी कहाँ थी...
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गिरगिट की आखिरी जुबान “में आजकल रंग बदलने में लोगों का मुकाबला नहीं कर पा रही हूं
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आदत बदल सी गई है वक़्त काटने की , हिम्मत ही नहीं होती अपना दर्द बांटने की
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ज़रूरत नही मुझे दुनिया के नज़ारों की, मेरे लिए तेरा एक दीदार काफी है |?
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एक आखिरी मुलाक़ात की ख्वाहिश थी पर अलविदा भी वो फ़ोन पर ही कह गए....?
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सबको अपनी मोहब्बत का सिला मिला में गरीब था साहब मुझे धोखा मिला ?
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