॥ ॐ ह्रीं दुं दुर्गाय नमः ॥
Copy
19
माचिस तो यूं ही बदनाम है,, हमारे तेवर तो आज भी आग 🔥 लगाते हैं!
Copy
8
तुमने समझा ही नहीं और ना समझना चाहा, हम चाहते ही क्या थे तुमसे “तुम्हारे सिवा |❤️
Copy
13
चेहरे के रंग देखकर, दोस्त ना बनाना दोस्तों.. "तन" का काला चलेगा लेकिन "मन" का काला नहीं..💯
Copy
116
हजारो चेहरों में उसकी झलक मिली मुझको.. पर. दिल भी जिद पे अड़ा था कि अगर बो नहीं , तो उसके जैसा भी नहीं।
Copy
163
तुने अच्छा ही किया मुझे गलत समझ कर, में भी थक गया हूँ खुद को साबित कर-कर के.
Copy
20
आदत थी मुझे सबसे हसकर बोलने की, मेरा शौंक ही मुझे बदनाम कर गया |😊
Copy
29
जब तुम मेरी फिकर करते हो न तब जिन्दगी जनत सी महेसुस होती है
Copy
85
“डर से मत डरो, डर को डराओ, जो भूल गया है उसे उसकी औकात याद दिलाओ।”🖕
Copy
46
अच्छा हुआ की तुमने मुझे छोड़ दिया, मुझे तेरा प्यार चाहिये था, तेरा एहसान नहीं।😎
Copy
63
मैंने अपनी जिंदगी में सारे महंगे सबक सस्ते लोगों से ही सीखे हैं | ❤️
Copy
46
चलो बिखरने देते है जिंदगी को सँभालने की भी हद होती है
Copy
39
उसका मिलना ही मुकद्दर में नहीं था वरना क्या क्या नहीं खोया उसे पाने के लिये
Copy
123
जो “दोगे” वही लौट कर आएगा, चाहे वह “इज्जत” हो या “धोखा”..💯
Copy
25
कभी कभी इतनी सिद्दत से तुम्हारी याद आती है, मैं पलकें झुका देती हूँ और ऑंखें भीग जाती है।😥
Copy
6
ना घर पर रहते है ना घाट पर रहते है हम तो उनकी शरण में रहते है जिन्हें लोग महाकाल कहते हैं
Copy
105
दिल परेशान रहता है उनके लिए, हम कुछ भी नही है जिनके लिए !
Copy
30
अजीब तरह से गुजर गयी मेरी जिंदगी, सोचा कुछ, किया कुछ, हुआ कुछ, मिला कुछ।
Copy
220
गजब है मेरे दिल में तेरा वजूद . मै खुद से दूर तू मुझमें मौजूद...
Copy
93
परेशान करते थे मेरे सवाल तुमको.. तो बताओ पसंद आयी खामोशी मेरी....
Copy
28
दिलो मे रहता हु, धड़कने थमा देता हु - मे इश्क हु - वजूद की धजिया उड़ा देता हु
Copy
30
नादान हूँ नादानियाँ कर जाता हूँ दुनियाँ के चक्कर में तुझे भूल जाता हूँ तेरा बडप्पन की तू सम्भाल लेता है मेरे गिरने से पहले तू थाम लेता है
Copy
55
एक वक़्त ऐसा आता है के सब ठीक होने के बावजूद भी दिल मुस्कुराना भूल जाता है |
Copy
13
दोस्त तो बहुत मिलेंगे जिंदगी में, मगर तेरी तो बात ही कुछ और है.
Copy
196
जो समझाए भी और समझे भी वो ही दिल के करीब होता है
Copy
49
टूटे हुए दिल भी धड़कतें हैं उम्र भर, चाहें किसी की याद में चाहे किसी की फरियाद में।
Copy
3
क्या इतने दूर निकल आये हैं हम, कि तेरे ख्यालों में भी नही आते ?
Copy
1K
कुछ खास नहीं इन हाथों की लकीरों में,मगर तुम हो तो एक लकीर ही काफी है…
Copy
43
लोग अच्छी तरह वाक़िफ़ हैं मेरी आदतों से रुतबा कम ही सही पर लाजवाब रखता हूँ !!"
Copy
24
अब अगर तुम जाने ही लगे हो तो पलट कर मत देखना, *क्योकि मौत की सजा लिखने के बाद कलम तोड़ दी जाती है*
Copy
759