गलती उसकी नहीं मेरी ही थी, अंजाम पता था, फिर भी दिल लगा बैठे.
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सीख जाओ वक्त पर किसी की चाहत की कदर करना, कहीं कोई थक ना जाये तुम्हें एहसास दिलाते दिलाते |❤️
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बड़े बेताब थे वो मोहब्बत करने को हमसे, जब मैंने भी कर ली तो उन्होने शौंक बदल दिया.
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चले जाएंगे तुझे तेरे हाल पर छोड़कर, कदर क्या होती है ये तुझे वक्त सिखा देगा ??
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तकलीफ तो जिंदगी देती हैं,? मौत को तो लोग युही बदनाम करते हैं...! ?
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रोज़ तोह वोह मरते है जोह, खुद से जयादा किसी और की फ़िक्र करते है .❤️?
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समेट कर सारे जज़्बात रख दिये सिरहाने थोड़े सुकून के हक़दार हम भी हैं...
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दिलों में खोट है ज़ुबां से प्यार करते हैं, बहुत से लोग दुनिया में यही व्यापार करते हैं…...!!!
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एक तेरी ख़ामोशी जला देती है इस पागल दिल को, बाकी तो सब बातें अच्छी हैं तेरी तस्वीर में..!!
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वो मेरा नहीं फिर भी मेरा है, ये कैसी उम्मीद ने मुझे घेरा है |❤️
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खुदखुशी की तो हिम्मत नहीं मुझमे, बस दुआ है के कोई हादसा हो जायें ?
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सजा तो बहुत दी है ज़िंदगी ने पर कसूर क्या था वो नहीं बताया..?
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क्यों गरीब समझते हैं हमें ये जहां वाले, हजारों दर्द की दौलत से मालामाल हैं हम…...!
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कौन कहता है कि वक्त बहुत तेज़ है, कभी किसी का इंतज़ार तो करके देखो..⌛
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उस किताब ? सा हूं मैं, जिसे तुमने कई बार पढ़ा ? लेकिन कभी समझा नहीं।
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घुटन सी होने लगी थी, इश्क़ जताते जताते हम खुद से रूठ गए थे किसी को मनाते मनाते।।??
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39
ज़िन्दगी चैन से गुज़र जाए , तू अगर ज़हन से उतर जाए
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17
मैंने परखा है अपनी बदकिस्मती को, जिसके अपना कहूं वो अपना नही रहता....??
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गुरुर” किस बात का करू मरने के बाद मेरे "अपने" ही, मुझे छूने के बाद हाथ" धोएंगे...!??
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20
क्यों उसको याद करके तू आज भी रोता है, ये मतलबी दुनिया है मेरे दोस्त यहां कोई किसी का नहीं होता है।
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25
तकलीफ़ खुद ही कम हो गई, जब अपनों से उम्मीदें कम हो गई…??
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बहुत नाराज़ थे तो रो पडे, अपनों से क्या ही शिकायत करते |?
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वक्त और हालात रिश्तों को बदल देते है; अब तेरा जिक्र होने पर हम बात बदल देते है||
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कतरा कतरा तुझे चुनते रहे कतरा कतरा खुद बिखर गये
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