माना मौसम भी बदलते हैं मगर धीरे धीरे..*तेरे बदलने की रफ़्तार से तो हवाएं भी हैरान हैं...!!🙄🙄
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क्या खूब मजबूरियां थी मेरी भी.. अपनी खुशी को छोड़ दिया” उसे" खुश देखने के लिए 💔💔
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जो मैंने तेरा दिल चुराया, इसमें मेरी कोई खता न थी अपने ग़मों को मैं कहां छुपाता, मेरे दिल में कोई जगह न थी |
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उनकी ख़ुशी ढूँढ़ते - ढूँढ़ते, मेरे ख्याब ने खुद ख़ुशी कर ली |
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जो चीज़ वक़्त पर ना मिले, वह बाद में मीले या ना मिले, कोई फर्क नहीं पड़ता।
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खफा 😔 रहने का शौक भी पूरा कर लो तुम, लगता है तुम्हे हम ज़िंदा अच्छे नहीं लगते 😭
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साथ मेरे बैठा था, पर किसी और के करीब था , वो मेरा अपना सा लगने वाला किसी और का नसीब था।।💔🥺
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पूछा जो हमनें किसी और के होने लगे हो क्या, वो मुस्कुराकर बोले पहले तुम्हारे थे क्या.
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लगता है जिंदगी आज कुछ ख़फ़ा हैj, चलिए छोड़िए कौन सी पहली दफ़ा है|😊
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क्यूँ नहीं महसूस होती उसे मेरी तकलीफ जो कहते थे बहुत अच्छे से जानते हैं तुझे.🥺
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क्यों गरीब समझते हैं हमें ये जहां वाले, हजारों दर्द की दौलत से मालामाल हैं हम…...!
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वो मेरा नहीं फिर भी मेरा है, ये कैसी उम्मीद ने मुझे घेरा है |❤️
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जिसकी गलतियों से भी मैंने रिश्ता निभाया है उसने बार-बार मुझे फालतू होने का एहसास दिलाया है!💔
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इंसान सबसे ज्यादा ज़लील अपनी पसंद के लोगों से ही होता है |
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नब्ज तो चल रही है आज भी मेरी पर, वो हकीम कहता है, मैं मर चुका हूं मोहब्बत में !
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उसे भुला दूंगा और चैन से सोऊंगा .. ये सोचते सोचते पूरी रात निकल जाती है !
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बात कोई नहीं मानता, बात का बुरा सब मान जाते है...🥺
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किसी से नाराजगी इतने वक्त🕰️तक ना रखो कि वह तुम्हारे बगैर ही जीना सीख जाए…!!😥
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मोहब्बत तो सिर्फ मुझे हुई थी, उसे तो तरस आया था मुझ पर।
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जख्म इतने थे दिल पर कि, हकीम ने ईलाज में मौत ही लिख दी
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बड़ा गजब किरदार है मोहब्बत का, अधूरी हो सकती है मगर खत्म नहीं!
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बड़े बेताब थे वो मोहब्बत करने को हमसे, जब मैंने भी कर ली तो उन्होने शौंक बदल दिया.
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ज़िन्दगी रोज मुझसे कहती है.. तूने क्या हाल कर दिया मेरा..
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रेल की खिड़कीयां तो खोल दी थी हमने मगर रात थी जब तुम्हारा शहर आया था....!
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गलतफ़मियों मेहीखोगये वो रिश्ते, वरना कुछ वादे अगले जन्म के भी थे! ::
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तू भी आईने की तरह बेवफा निकला, जो सामने आया उसी का हो गया ❤️
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उसे बोल दो कि मेरे ख्वाबों में ना आया करे, रोज आँख खुलती है और दिल टुट जाता है..💔💔
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समेट कर सारे जज़्बात रख दिये सिरहाने थोड़े सुकून के हक़दार हम भी हैं...
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निगाहों 👀 से भी चोट लगती है, जनाब जब कोई देखकर भी अनदेखा कर देता हैं।।🥺
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खामोशियां बेवजह नहीं होती कुछ दर्द आवाज़ छीन लिया करते हैं
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