मेरे ज़ज्बात की कदर ही कहाँ, सिर्फ इलज़ाम लगाना ही उनकी फितरत है !!
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154
मुझे इन्तजार था कि तुम समझो मुझको तुमने समझा दिया कि बस इन्तज़ार करो |
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33
बनावटी रिश्तो से ज्यादा, सुकून देता है अकेलापन |
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51
खो कर फिर तुम हमें पा ना सकोगे साहब हम वहाँ मिलेंगे जहाँ तुम आ ना सकोगे
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21
थोड़ी जगह दे दे मुझे तेरे पास कहीं रह जाऊं मैं खामोशियाँ तेरी सुनु ओर दूर कहीं ना जाऊं मैं
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61
खुद से बातें करने लगी हूँ, वैसे भी आजकल लोग सुनते कहाँ हैं ,
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18
वक़्त गूंगा नहीं, बस मौन हैं, वक़्त आने पर बता देता हैं की किसका कौन हैं...
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40
उस शख्स से बस इतना ताल्लुक है मेरा, की अगर वो परेशान हो तो नींद मुझे नहीं आती !!
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20
माना कि तुझसे दूरियां कुछ ज्यादा ही बढ़ गई हैं पर तेरे हिस्से का वक़्त आज भी तन्हा गुजरता है
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17
सबको दिलासा देने वाला शख्स..अपने दुखों में हमेशा अकेला होता है!?
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हम तो खुशियाँ उधार देने का कारोबार करते हैं साहब, कोई वक़्त पर लौटता नहीं हैं इसलिए घाटे मे है .
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41
वक़्त बहुत कुछ छीन लेता है खैर मेरी तो सिर्फ मुस्कुराहट थी
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ज़िक्र करते है तेरा हवाओं से अब, ये तूफ़ान बनके तेरे शहर से गुज़रे तो माफ़ करना. ???
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आज परछाई?️?से पूछ ही लिया, क्यों चलती हो मेरे साथ?…उसने भी हँस के?कहा, दूसरा कौन है तेरे साथ…!!
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बेशक मोहब्बत ना कर पर बात तो कर तेरा यु खामोश रहना बड़ी तकलीफ देता है
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77
अक्सर अकेलेपन से वही गुजरता है जो जिंदगी में सही फैसलों को चुनता है ??
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जो फ़ुरसत मिली तो मुड़कर देख लेता मुझे एक दफा तेरे प्यार में पागल होने की चाहत मुझे आज भी हे !
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अब तो खुद को भी निखारा नहीं जाता मुझसे _वे भी क्या दिन थे कि तुमको भी संवारा हमने ...?
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कितने शौक से छोड़ दिया तुमने बात करना जैसे सदियों से तेरे ऊपर कोई बोझ थे हम
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मैं क्यों पुकारू उसे कि लोट आओ उसे खबर नहीं कि कुछ नहीं मेरे पास उसके सिवाए.
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