बचपन से ही शौक था अच्छा इंसान बनने का, लेकिन बचपन खत्म और शौक भी खत्म.?
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जो दिल ❤️ से उतर गया, हम उसे जबान ? पर भी नही लाते!
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दुश्मन के सितम का खौफ नहीं हमको हम तो दोस्तो के रूठ जाने से डरते है |☺️☺️
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जंगल में शेर दहाड़ता नहीं..उसकी ख़ामोशी दहसत मचाती हैं ?
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64
झूठी शान के परिंदे ही ज्यादा फड़फड़ाते है, बाज़ की उड़ान में कभी आवाज नही होती।
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29
अंदाजा ताकत का लगाया जाता है हौसले का नहीं।
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हमको मिटा सके ये ज़माने में दम नहीं, हमसे ज़माना है ज़माने से हम नहीं.?
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अगर गलतियां निकालने का इतना ही शौक है तो शुरुआत ख़ुद से करना!
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मेरी आँखों के जादु से अभी तुम कहा वाकिफ हो , हम उसे भी जीना सिखा देते हे जिसे मरने का शौक हो |
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नफरत भी हम हैसियत देख कर करते है.. प्यार तो बहुत दूर की बात है। ??
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16
शरीफों की शराफत और हमारा कमीनापन किसी को अच्छा नहीं लगता!! ??
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मुझे रिश्तों की लम्बी कतारों से मतलब नही। कोई दिल से हो मेरा तो एक शख्स ही काफी है!!❤️
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220
हम घोड़े के ट्रिगर पे नही, बल्की खुद के जिगर पे जीते है..!?
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हम ऊंची आवाज़ पसंद नहीं करते, ख़ामोश रहो या औकात में ??
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मुझको पढ़ पाना हर किसी के लिए मुमकिन नहीं, मै वो किताब हूँ जिसमे शब्दों की जगह जज्बात लिखे है..
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मुझे समझने के लिये ! आपका समझदार होना ज़रूरी है !!"
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नाम बनाने के लिए दिल ❤️ से नहीं दिमाग ? से चलना पड़ता हैं..!
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गुनाह छोटा हो या फिर बड़ा हिसाब सबका होता है..!
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जिंदगी अपनी है तो,? अंदाज भी अपना ही होगा?
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उम्र कुछ नहीं कहती साहब कारनामे हैसियत बताते है |
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वाक़िफ़ कहाँ दुश्मन अब हमारी उड़ान से, वो कोई और थे जो हार गए तूफान से. ?
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कभी रहमत करना मेरी दिल्लगी पे ज़ालिम ,हम बाजारों में नहीं, हजारों में मिलते हैं |?
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जो हमे समझ ही नहीं सका, उसे हक है हमें बुरा समझने का।?
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तू चालाकी से कोई चाल तो चल, जीतने का हुनर मुझ में आज भी हैं ! ?
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सिर्फ जंगल छोड़ा था, शेर तो हम आज भी है |?
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तमीज में रहो वरना बदतमीज हम भी है ?
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83
बदल गए हैं हम क्युकी .. बात अब औकात पर आ गई है ..
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अजीब सी आदत है अपनी, नफरत हो या मोहब्बत बड़ी शिद्दत से करते हैं ।??
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दुश्मन तो बहुत है ? पर वो कहते है, ना शेर का शिकार कुत्तों ? से नहीं होता |
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चाय जैसी उबल रही है ज़िंदगी मगर, हम भी हर घूँट का आनंद शौक़ से लेंगे☕
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