लोग वाकिफ हैं मेरी आदतों से रूतबा कम ही सही पर लाजवाब रखता हूँ |
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15
मेरी बदमाशी का अंदाज़ा इससे लगाओ जब मैं ? शरीफ था तब भी लोग मुझे बदमाश ही कहते थे। ?
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18
खेल खेलने में तभी मजा आता हैं, जब जिंदगी दाव पर लगी हों. ?
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68
जिंदगी को OTP की तरह बनाओ साला दूसरा कोई यूज़ ही ना कर सके।?
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104
"बादशाह नहीं बाज़ीगर से पहचानते हैं लोग हमें, क्योंकि हम रानियों के सामने झुका नहीं करते !!"
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14
जरुरी ? नहीं कि ❌ आपका कुत्ता ही वफादार निकले, वक़्त आने ⏱ पर आपका ? वफादार भी कुत्ता ? निकल ? सकता_है |
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84
बेटा झूले पर झूलो लेकिन,? हम बाप हैं तुम्हारे हमे ना भूलो।?
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66
खुद की पहचान बनाने में जो मजा है, वो किसी की परछाई बनने में नहीं।?
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216
ज़रा सी बदनामी भी होनी चाहिए मोहब्बत में, वरना यह ज़माना आशिक नहीं कहेगा तुमको.!
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35
मुझे फ़र्क नही पड़ता लोग मुझे पसंद करे या ना करें, क्योंकि मैं पैदा किसी को Impress करने के लिये नहीं हुआ.?
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146
सफाईया देनी छोड़ दी मैंने सीधी सी बात है, बहुत बुरे है हम..??
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117
जंग भीड़ से नहीं, जिगर से जीती जाती है.?
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104
दुश्मनी मंजूर है साहब, किसी के तलवे चाटना हमारे उसुलो के खिलाफ है |??
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75
कोई मानो या ना मानो पर ज़िन्दगी में दो ही लोग अपने होते है, एक खुद और दूसरा ख़ुदा।
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82
कैसे भरोसा कंरू गैरो के प्यार पर, यहां अपने ही मज़े लेते है अपनों की हार पर|??
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40
हम अपना Attitude तो वक्त आने पर दिखाएंगे, शहर तू खरीद उस पर राज़ करके हम दिखाएंगे।?
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लोग कुछ भी कहें हम वहीं करेंगे जो, हमें अच्छा लगे क्योंकि वो वो हैं और हम हम है,।
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उम्मीद जिंदा रखिए साहेब, आज हँसने वाले कल तालिया भी बजाएंगे..!❤️?
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कभी-कभी कुछ रिश्तों से बाहर आ जाना ही अच्छा होता है, EGO के लिए नही, SELF-RESPECT के लिए...
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37
अंदाजा लगाना छोड़ दो हमारे बारे में..तुम सिर्फ उतना ही जानते हो, जितना हमने बता रखा है..??
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127
शक नही पूरा यकीन है, कोई किसी का नही होता!?
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फितरत में ही नहीं है हर किसी का हो जाना, वरना न प्यार कि कमी थी न प्यार करने वालों की❤️?
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हम समंदर है हमें खामोश ही रहने दो जरा मचल गये तो शहर ले डूबेंगे |?
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40
पैसा "हैसियत" बदल सकता है, "औकात" नहीं.?
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81
“अकड़ उतनी ही दिखाना जितनी तेरी औकात हो,,!!” ?
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19
यहाँ किसकी मज़ाल है जो छेड़े दिलेर को, गर्दिश में तो कुत्ते भी घेर लेते हैं शेर को..!!?
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36
हम सादगी में झुक क्या गए, तुमने तो हमे गिरा हुआ समझ लिया |?
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इश्क़ करो. वफ़ा करो.. और ज्यादा सर पे चढ़े तो लात मारके दफा करो..?
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जहाँ कोशिशों का कद बड़ा होता है, वहाँ नसीबों को भी झुकना पड़ता है. ?
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दहशत बनाओ तो शेर जैसी, बरना खाली डराना तो कुत्ते भी जानते है |?
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68