हम खुद से बिछड़े हुये लोग हैं, तुमसे क्या मिल पायेंगे |
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मुलाकात बनकर मिला था मुझ से कोई बड़ी जल्दी गुजर गया वक़्त की तरह.
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सब कुछ ठीक ही चल रहा है ना जाने क्यों उदास हु मैं
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हम ना पा सके तुझे मुदतो के चाहने के बाद , ओर किसी ने अपना बना लिया तुझे चंद रसमे निभाने के बाद !!
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काश तू सिर्फ मेरे होता या फिर मिला ही ना होता
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आज परछाई से पूछ ही लिया , क्यों चलते हो.. मेरे साथ..उसने भी हंसके कहा ,और कौन है...तेरे साथ !!
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कैसे भुला दूँ उस भूलने वाले को मैं.. मौत इंसानों को आती है यादों को नहीं
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बस एक बार , उलझना है तुमसे, बहुत कुछ , सुलझाने के लिये
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कैसे कह देते हैं लोग रात गई बात गई, यहां जमाने गुज़र जाते हैं दिल पर लगी बात को भुलाने में |
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भूल सा गया हैं बो मुझे , समज नहीं आ रहा की हम आम हो गए उनके लिए या कोई खास बन गया है !
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मरता था जिनके लिए वो अब मर गए है मेरे लिए.
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माना कि तुझसे दूरियां, कुछ ज्यादा ही बढ़ गई हैं, पर तेरे हिस्से का वक़्त आज भी तन्हा गुजरता है |
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हादसे कुछ दिल पे ऐसे हो गए , हम समुन्दर से भी गहरे हो गए
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वो हाल भी ना पूछ सके...हमे..बे-हाल देख कर......हम हाल भी...ना बता सके... उसे खुश-हाल देख कर.......
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मेरी तन्हाई को मेरा शौक न समझना, बहुत प्यार से दिया है ये तोहफा किसी ने!!
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मुस्कुराने की अब वजह याद नहीं रहती, पाला है बड़े नाज़ से मेरे गमों ने मुझे!!
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कुछ नहीं लिखने को आज.... न बात , न ज़ज्बात
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बहुत कुछ पाने वाले बहुत कुछ खोया करते हैं , इस दुनिया में हस्सने वाले सबसे ज़्यादा रोया करते हैं
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मोहब्बत नहीं है उसे मुझसे ये जानता हूँ मैं फिर भी ये बात कहाँ मानता हूँ मैं
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कितना खुश था कभी मैं खुद की ही दुनियाँ में ये गैरों की मोहब्बत ने मुझे तबाह कर दिया |
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जो होकर भी ना हो.. उसका होना कैसा... नाम के रिश्तों से शिकवा कैसा..रोना कैसा....
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अगर किस्मत में लिखा है रोना, तो कोई मुस्कुराने पर भी आंसू निकल आते हैं||
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शाम नहीं पर बात वही. तू नहीं तो तेरी याद सही.
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बेशक मोहब्बत ना कर पर बात तो कर, तेरा यु खामोश रहना बड़ी तकलीफ देता है..
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जब रिश्ते ही दम तोड़ चुके हों.... तो फिर प्यार, इजहार,गलती का अहसास ,सही गलत कुछ भी मैटर नहीं करता। ?
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सिर्फ़ उम्र ही नहीं कुछ हादसे भी तजुर्बे बेहिसाब दे जाते है।
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आसमान बरसे तो छाता ले सकते हैं.. आंख बरसे तो क्या किया जाए..??
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अगर तुम कहो तो मैं खुद को भुला दूं, तुम्हे भूल जाने की ताक़त नहीं है !!
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मुद्दतें हो गईं हैं चुप रहते , कोई सुनता तो हम भी कुछ कहते
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मुझको छोड़ने की वजह तो बता देते, मुझसे नाराज थे या मुझ जैसे हज़ार थे !! ?
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