बिछड़ कर फिर मिलेंगे यकींन कितना था, था तो ख्वाब, मगर हसीन कितना था |
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परेशान करते थे मेरे सवाल तुमको.. तो बताओ पसंद आयी खामोशी मेरी....
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मरता था जिनके लिए वो अब मर गए है मेरे लिए.
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मोहब्बत तो मेरी आधी रह गई, मगर खुश हूँ मैं क्यूंकि उसका टाइम पास तो पूरा हो गया ||
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कैसे कह देते हैं लोग रात गई बात गई, यहां जमाने गुज़र जाते हैं दिल पर लगी बात को भुलाने में |
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दोबारा इश्क़ हुआ तो तुझसे हे होगा खफा हूँ मैं बेवफा नहीं
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खो कर फिर तुम हमें पा ना सकोगे साहब हम वहाँ मिलेंगे जहाँ तुम आ ना सकोगे
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कल तक थी जो जान, आज बन गयी अनजान.
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कभी अकेले रह कर देखना, लफ़्जों से ज्यादा आँसू निकलते हैं.
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मेरी मोहबत की मजार तो आज भी वहीं है, बस तेरे ही सजदे की जगह बदल गई..!!
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कितने अनमोल होते हैं ये अपनों के रिश्ते कोई याद न करे तो भी इंतज़ार रहता है
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आदत बदल सी गई है वक़्त काटने की , हिम्मत ही नहीं होती अपना दर्द बांटने की
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फैसला ! नहीं हो पा रहा, तनहा ! रात है या मै ...
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यक़ीं न आए तो इक बार पूछ कर देखो जो हँस रहा है वो ज़ख़्मों से चूर निकलेगा...
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कैसी है मुहब्बत तेरी महफिल में मिले तो अनजान कह दिया !! सन्हा जो मिले तो जान कह दिया..
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"बात इतनी है के तुम बहुत दुर होते जा रहे हो... और हद ये है कि तुम ये मानते भी नही...."
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अब मुझे रास आ गई है तन्हाइयाँ... आप अपने वक़्त का अचार डाल लिजिये
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वो वक़्त कुछ और था, वो इश्क़ का दौर था, ये वक़्त कुछ और है, ये ख्वाहिशों का दौर है.!
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जिन्दगी न जाने किस मुकाम तक पहुँच गई है, तन्हाई में रोना पड़ता है और महफ़िल में हँसना पड़ता है||
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कैसे छोड दूं आखिर तुझसे मोहब्बत करना...तू मेरी किस्मत में ना सही.. दिल में तो है
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मोहब्बत तोह आज भी करते है, लेकिन तू बे -खबर है, कल की तरह.
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ज़िन्दगी का सबसे लम्बा सफर एक मन से दूसरे मन तक पहुँचना है...और इसी में सबसे ज्यादा समय लगता है...
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कितना भी मुश्किल क्यूँ न हो सफ़र जिंदगी का, मोहब्बत का साथ मिले तो आसानी से कट जाता है !
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जिनको जाना होता है वो चले ही जाते है किसी के रोने से उनको कोई फर्क नहीं पड़ता
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कोई पूछेगा तो सुबह का भूला कह देंगे, तुम आओ तो सही,हम शाम को सवेरा कह देंगे
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छोड़ कर जाने वाले क्या जानें , यादों का बोझ कितना भारी होता है ...
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साथ साथ धूमते है, हम दोनो रात भर..! लोग मुझे आवारा, और उसे चाँद कहते है..!
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शब्द ...मन ..जज़्बात , एक एक करके सब खामोश हो गए
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तुम चाहते तो निभा भी सकते थे, मगर तुमने ऐसा कभी चाहा ही नहीं.
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अकेले ही गुज़रती है ज़िन्दगी, लोग तसल्लियाँ तो देते हैं, पर साथ नहीं।💯
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