उसको मालूम तो हैं मेरे हालातो के बारे मे, फिर खैरियत पूछकर मेरी मुश्किलें क्यों बढ़ाते हैं |
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कितने शौक से छोड़ दिया तुमने बात करना जैसे सदियों से तेरे ऊपर कोई बोझ थे हम
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यक़ीं न आए तो इक बार पूछ कर देखो जो हँस रहा है वो ज़ख़्मों से चूर निकलेगा...
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फिर आ जाओ ज़िन्दगी में मैं फिर से जीना चाहती हूँ
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मुझे किसी के बदल जाने का कोई गम नही बस कोई था जिससे ये उम्मीद नही थी
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गजब का हमदर्द था मेरा, जो दर्द के सिवा कुछ दे ना सका
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मेरी मोहब्बत की कातिल मेरी ग़रीबी ठहरी उसे ले गए ऊँचे मकाँ वाले....!
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खुद से बात कर के खुद से ही झगड़ता हूँ, तुम्हारे जाने के बाद अंदर से कितना उलझता हूँ....
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सब ख़फ़ा है मेरे लहजे से...पर मेरे हाल से कोई रूबरू तक न हुआ.....
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शुक्र है दिल सिर्फ धड़कता है, बोलता तो कयामत आ जाती.
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कुछ नहीं लिखने को आज.... न बात , न ज़ज्बात
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जिसे दिल मे जगह दी थी वो ही सब बर्बाद कर गया....!!
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दुनिया में वो शख्स ही सबसे ज्यादा उदास रहता है, जो अपने से ज्यादा किसी और की फिकर करता है !!
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आज कल लोगो को अपना प्यार भी, Free_Time पर याद आता हैं !! ?
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वक़्त पर ना जा वक़्त तो हर ज़ख्म की दावा है, आज तुमने हमे भुला दिया कल तुम्हे भी कोई भुला देगा
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नींद से क्या शिकवा जो आती नहीं, कसूर तो उस चेहरे का है जो सोने नहीं देता !
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मुझे भी सिखा दो भूल जाने का हुनर मैं थक गया हूँ हर लम्हा हर सांस तुम्हे याद करते करते
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बहुत सोच समज कर रूठा करो अपनो से, आज कल मनाने के रिवाज नही हैं ।। ?
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तेरे इश्क ने सरकारी दफ्तर बना दिया दिल को, ना कोई काम करता है,ना कोई बात सुनता है .....
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किताबों की तरह हैं हम भी….अल्फ़ाज़ से भरपूर, मगर ख़ामोश….!!
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दर्द सिर का हो या दिल का, दोनों बहुत बुरे होते है.
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एक ख्याल ही तो हूँ मैं ..याद रह जाऊँ .. तो याद रखना ..वरना...सौ बहाने मिलेंगे ...भूल जाना मुझे....
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दर्द सिर का हो या दिल का..दोनों बहुत बुरे होते है?
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एक घुटन सी होती है जीने में जब कोई दिल में तो रहता है पर साथ नहीं
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अधूरी ख़्वाहिश बनकर न रह जाना तुम ....दुबारा आने का इरादा नहीँ रखते हैं हम !!
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रिश्तों को वक़्त और हालात बदल देते हैं...अब तेरा ज़िक्र होने पर हम बात बदल देते हैं ..
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खामोशियां बेवजह नहीं होती, कुछ दर्द आवाज छीन लिया करते हैं.
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ज़रा सी वक़्त ने करवट क्या ली ! गैरों की लाइन में सबसे आगे अपनों को पाया हमने ?
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होने दो जरा उन को भी तनहा.... याद हम भी उन्हें बेहिसाब आएंगे..
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दिल तक पहुँचने का रास्ता, वफ़ा के समंदर से होकर गुजरता है। हर लहर पे नाव बदलने वाले, मंजिल तक नही पहुँचा करते…
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