सब कुछ ठीक ही चल रहा है ना जाने क्यों उदास हु मैं
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ज़रा सी वक़्त ने करवट क्या ली ! गैरों की लाइन में सबसे आगे अपनों को पाया हमने 😊
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भूल सा गया हैं बो मुझे , समज नहीं आ रहा की हम आम हो गए उनके लिए या कोई खास बन गया है !
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कई बार ये सोचके दिल मेरा रो 😢 देता है, की मुझे ऐसा क्या पाना था जो मैंने खुद को भी खो दिया |😔
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कितनी जल्दी फैसला कर लिया जाने का, एक मौका भी नहीं दिया मनाने का
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बेशक मोहब्बत ना कर पर बात तो कर तेरा यु खामोश रहना बड़ी तकलीफ देता है
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तेरे इश्क ने सरकारी दफ्तर बना दिया दिल को, ना कोई काम करता है,ना कोई बात सुनता है .....
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काश तू सिर्फ मेरे होता या फिर मिला ही ना होता
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जब रिश्ते ही दम तोड़ चुके हों.... तो फिर प्यार, इजहार,गलती का अहसास ,सही गलत कुछ भी मैटर नहीं करता। 💕
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वो जान गया हमें दर्द में भी मुस्कुराने की आदत है; इसलिए वो रोज़ नया दुःख देता है मेरी ख़ुशी के लिए।
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वो मन बना चुके थे दूर जाने का, हमे लगा हमे मनाना नहीं आता
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आज सारा दिन उदास गुजर गया, अभी रात की सजा बाकि है....
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तेरी बेरुखी ने छीन ली है शरारतें मेरी..और लोग समझते हैं कि मैं सुधर गया हूँ..!!!
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जिन्हें पता होता हैं। की अकेलापन क्या होता हैं । ऐसे लोग दुसरो के लिए । हमेशा हाज़िर रहते हैं ।
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काश वो भी आकर हम से कह दे , मैं भी तन्हाँ हूँ , तेरे बिन, तेरी तरह , तेरी कसम , तेरे लिए...!!
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बहुत लड़ी मैं तुमसे पर तुम्हारी यादों से हार गई |
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दो पल भी नहीं गुज़रते तुम्हारे बिन,ये ज़िन्दगी ना जाने कैसे गुज़ारेंगे!
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गजब का हमदर्द था मेरा, जो दर्द के सिवा कुछ दे ना सका
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कभी कभी नाराज़गी दूसरों से ज्यादा खुद से होती है |
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अंदर तक तोड़ देते हैं, वो आंसू जो रात के अंधेरे में चुपचाप निकलते हैं.
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अच्छे इंसान मतलबी नहीं होते, बस दूर हो जाते हैं, उन लोगों से जिन्हें उनकी कद्र नहीं होती....
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वो बोलते रहे, हम सुनते रहे - जबाब आँखों में था , वो लफ्जों मे ढूढते रहे
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उनकी जब मर्जी होती है तब हमसे बात करते हैं, और हम पागल पूरा दिन उनकी मर्जी का इंतज़ार करते हैं|
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तेरी मुस्कान, तेरा लहज़ा, और तेरे मासूम से अल्फाज़..और क्या कहूँ... बस बहुत याद आते हो तुम..
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पास आकर सभी दूर चले जाते है अकेले थे हम, अकेले ही रह जाते है इस दिल का दर्द दिखाए किसे मल्हम लगाने वाले ही जख्म दे जाते है।
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आज परछाई🗣️👥से पूछ ही लिया, क्यों चलती हो मेरे साथ🚶…उसने भी हँस के😁कहा, दूसरा कौन है तेरे साथ…!!
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कितना खुश था कभी मैं खुद की ही दुनियाँ में ये गैरों की मोहब्बत ने मुझे तबाह कर दिया |
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जरुरी नहीं है कि काम से ही इंसान थक जाए कुछ ख्यालो का बोझ भी, इंसान को थका देता है.
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हँसते हुए चेहरों को ग़मो से आजाद ना समझो, मुस्कुराहट की पनाहों मे हजारों दर्द होते है..!!
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उसका मिलना ही मुकद्दर में नहीं था वरना क्या क्या नहीं खोया उसे पाने के लिये
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