छोड दी हमने हमेशा के लिए उसकी आरजू करना…जिसे मोहब्बत की कद्र ना हो उसे दुआओ मे क्या मांगना
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सजा ये है कि बंजर जमीन हूँ मैं और, जुल्म ये है कि बारिशों से इश्क़ हो गया |
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जिसके हो नहीं सकते उसी के हो रहे हैं हम...
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मरता था जिनके लिए वो अब मर गए है मेरे लिए.
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जिन्हें नींद नहीं आती उन्हीं को मालूम है सुबह आने में कितने जमाने लगते है
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जिंदगी भर के लिये रूठ के जाने वाले, मैं अभी तक तेरी तस्वीर लिये बैठा हूँ.😥😥
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अक्सर अकेलेपन से वही गुजरता है जो जिंदगी में सही फैसलों को चुनता है 💯💯
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जाने का कोई इरादा नहीं था, पर रुककर भी क्या करते, जब तू ही हमारा नहीं था 💔
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एक सफर जहां फिरसे सब 'शून्य' से शुरू करना होगा।
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जाने कैसे हो जाते हैं लोग कभी इसके कभी उसके और फिर किसी और के
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क्या गिला करें उन बातों से क्या शिक़वा करें उन रातों से कहें भला किसकी खता इसे हम कोई खेल गया फिर से जज़बातों से
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माना की मरने वालों को भुला देतें है….सभी ...मुझे जिंदा भूलकर उसने कहावत ही बदल दी…
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काश तू सिर्फ मेरे होता या फिर मिला ही ना होता
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यक़ीं न आए तो इक बार पूछ कर देखो जो हँस रहा है वो ज़ख़्मों से चूर निकलेगा...
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तेरी आँखों👀से यूँ तो सागर भी पिए है मैंने💧…तुझे क्या खबर जुदाई के दिन कैसे जिए है मैंने…!!
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ये जो रात को जागते है ना.. ये जानते है किसी को खोने का दर्द !!
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दुनिया आज भी मेरी दीवानी है और एक हम है कि उनके इंतज़ार में तन्हा बैठे रहते है।
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मुसाफ़िर हैं हम भी मुसाफ़िर हो तुम भी किसी मोड़ पर फिर मुलाक़ात होगी
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फ़ासले तो बढ़ा रहे हो मगर इतना याद रखना, मुहब्बत💗बार बार इंसान पर मेहरबान नहीं होती👏…!!
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याद नहीं वो रूठा था या मैं रूठा था, साथ हमारा जरा सी बात पे छूटा था….!!!
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निभा दिया उसने भी दस्तूर दुनिया का तो गिला कैसा पहचानता कौन है यहां मतलब निकल जाने के बाद...
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उसका मिलना ही मुकद्दर में नहीं था वरना क्या क्या नहीं खोया उसे पाने के लिये
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"बात इतनी है के तुम बहुत दुर होते जा रहे हो... और हद ये है कि तुम ये मानते भी नही...."
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मुझे भी अब नींद की तलब नहीं रही,अब रातों को जागना अच्छा लगता है…
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दर्द जब हद से ज्यादा बढ़ जाए , तो वो ख़ामोशी का रूप ले लेता है
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गजब का हमदर्द था मेरा, जो दर्द के सिवा कुछ दे ना सका
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आखिर में खतम हो ही गए, वो रिश्ते उन लोगों से जिन्हे मिलके ये लगा था, की ये लोग जिन्दगी भर साथ देंगे |
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बड़ी कश्मोकश है इन दिनो ज़िन्दगी में...किसी को ढूंढते फिर रहे हैं हर किसी में....
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बहुत मन करता है हसने का, पर किसी की कमी रुला देती है
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