बेशक मोहब्बत ना कर पर बात तो कर तेरा यु खामोश रहना बड़ी तकलीफ देता है
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तेरी जगह आज भी कोई नहीं ले सकता , पता नहीं तेरी खूबी है या तेरी कमी
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102
तुमको भी कहाँ जरूरत है मेरी, तुम्हारे लिये तो मैं भी बिछड़ा हुआ जमाना हूँ.....!!
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जिन्दगी न जाने किस मुकाम तक पहुँच गई है, तन्हाई में रोना पड़ता है और महफ़िल में हँसना पड़ता है||
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अब तो वक्त ही उसे बतायेगा, की कितने कीमती थे हम !!
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381
मोहब्बत होने में कुछ लम्हे लगते है पूरी उम्र लग जाती है उसे भुलाने में.
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छोड़ दिया अब हमनें उस बेवफा का इंतजार करना दोस्तों जब रात गुजर सकती है तो ज़िंदगी भी गुजर जाएगी
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101
बेशक मोहब्बत ना कर पर बात तो कर, तेरा यु खामोश रहना बड़ी तकलीफ देता है..
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ज़िक्र करते है तेरा हवाओं से अब, ये तूफ़ान बनके तेरे शहर से गुज़रे तो माफ़ करना. ???
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50
वादों की तरह इश्क भी आधा रहा, मुलाकातें कम रही इंतजार ज्यादा रहा.
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26
खुद से बातें करने लगी हूँ, वैसे भी आजकल लोग सुनते कहाँ हैं ,
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18
तन्हा रातें कुछ इस तरह से डराने लगी मुझे, मैं आज अपने पैरों की आहट से डर गया..!!??
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27
कोन कहता है कि आसुयो मे वजन नहीं होता , एक भी छलक जाता है तो मन हल्का हो जाता है ...
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19
गजब का हमदर्द था मेरा, जो दर्द के सिवा कुछ दे ना सका
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18
कोई पूछेगा तो सुबह का भूला कह देंगे, तुम आओ तो सही,हम शाम को सवेरा कह देंगे
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वो साथ थे तो एक लफ़्ज़ ना निकला लबों से, दूर क्या हुए कलम ने क़हर मचा दिया!!❤️
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मैं उनका हूँ ये राज सब जानते हैं वो किसके हैं ये सवाल मुझे सोने नहीं देता |
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26
शिकायत तो खुद से है तुम से तो आज भी इश्क़ है
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63
काश ये दिल बेजान होता…न किसी के आने से धडकता…न किसी के जाने से तडपता…!
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कुछ खामोश कुछ गुमशुदा से हैं, हम आज तेरे बिन खुद से जुदा जुदा से हैं हम ??
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51
पुछा किसी ने की याद आती है उसकी में मुस्कुराया और बोला तभी तो ज़िंदा हूँ..!
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20
फिर आ जाओ ज़िन्दगी में मैं फिर से जीना चाहती हूँ
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19
हमें भी शौक था दरिया -ऐ इश्क में तैरने का, एक शख्स ने ऐसा डुबाया कि अभी तक किनारा न मिला.
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137
यकीनन हो रही होंगी बैचेनियां तुम्हें भी , ये और बात है कि तुम नजरअंदाज कर रहे हो...
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156
बड़ी कश्मोकश है इन दिनो ज़िन्दगी में...किसी को ढूंढते फिर रहे हैं हर किसी में....
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46
कभी कभी मेरा दिल करता है कि बैठकर इतना रोऊ कि रोते रोते ही मर जाऊ
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अच्छी लगती है ये खामोशियाँ भी अब हर किसी को जवाब देने का सिलसिला ख़त्म हो गया।
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260
कई बार ये सोचके दिल मेरा रो ? देता है, की मुझे ऐसा क्या पाना था जो मैंने खुद को भी खो दिया |?
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मुझ से पहले भी उसका कोई था मेरे बाद भी उसका कोई है
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कुछ नहीं लिखने को आज.... न बात , न ज़ज्बात
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