सब ख़फ़ा है मेरे लहजे से...पर मेरे हाल से कोई रूबरू तक न हुआ.....
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ख्वाब चुभते रहते है, आंखों में सारी रातभर, वो पूछते रहे वजह आँखो के लाल होने की ! ❤️
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रिश्ते और पतंग जितनी उँचाई पर होते हैं काटने वालो की संख्या उतनी अधिक होती हैं😔
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एक घुटन सी होती है जीने में जब कोई दिल में तो रहता है पर साथ नहीं
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अकेली रात 🌃 बोलती बहुत है, लेकिन सुन वही सकता है जो खुद भी अकेला 😟 हो |
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जाने का कोई इरादा नहीं था, पर रुककर भी क्या करते, जब तू ही हमारा नहीं था 💔
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बहोत याद आते हो तुम, दुआ करो,मेरी याददाश्त चली जाये..!
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फिर एक दिन ऐसा भी आया जिन्दगी में..की मैंने तेरा नाम सुनकर मुस्कुराना छोड़ दिया।
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तुम पर सिर्फ मेरा हक़ है ऐसा कहने वाला ही अब साथ छोड़ गया
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तेरे बिना जीना बोहोत मुश्किल है ... और तुझे ये बताना और भी मुश्किल .
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कितना होशियार है 😂 मेरा यार.. तोहफे में घड़ी तो दे दी लेकिन वक़्त नहीं|
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माना कि तुझसे दूरियां कुछ ज्यादा ही बढ़ गई हैं पर तेरे हिस्से का वक़्त आज भी तन्हा गुजरता है
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मोहब्बत नहीं है उसे मुझसे ये जानता हूँ मैं फिर भी ये बात कहाँ मानता हूँ मैं
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काश ! वो सुबह नींद से जागे तो मुझसे लड़ने आए, कि तुम होते कौन हो मेरे ख़्वाबों में आने वाले
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वो मेरी मोहब्बत है, और मैं सिर्फ उसकी एक आदत !
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याद नहीं वो रूठा था या मैं रूठा था, साथ हमारा जरा सी बात पे छूटा था….!!!
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मुलाकात बनकर मिला था मुझ से कोई बड़ी जल्दी गुजर गया वक़्त की तरह.
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चीजों की कीमत मिलने से पहले होती है, और इंसानों की कीमत खोने के बाद…...!
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जब मोहब्बत बे-पनाह हो जाये ना.. तोह फिर पनाह कही नही मिलती
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तजुर्बे ने एक ही बात सिखाई है,नया दर्द ही पुराने दर्द की दवाई है।
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काश ये दिल बेजान होता…न किसी के आने से धडकता…न किसी के जाने से तडपता…!
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कोई रूह का तलबगार मिले तो हम भी महोब्बत कर ले… यहाँ दिल तो बहुत मिलते है,बस कोई दिल से नहीं मिलता
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क्या कहें कुछ नहीं है कहने को, हाय क्या गम मिला है सहने को.
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बिखरे पल,भीगी पलके और ये तन्हाई है.....कुछ सौगाते है जो मोहब्बत से कमाई है....
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बिन धागे की सुई सी बन गई है ये ज़िंदगी ...सिलती कुछ नहीं ... बस चुभती चली जा रही है ...
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शाम नहीं पर बात वही. तू नहीं तो तेरी याद सही.
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कभी ये मत सोचना की याद नहीं करते , हम रात की आखिरी और सुबह की पहली सोच हो तुम
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दिल धोखे में है और धोखेबाज़ दिल में
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कितनी महँगी पड़ी मुझे मुस्कुराने की अदा, सब अकेला छोड़ गए मुझे ये कहकर क़ि तुम तो अकेले भी खुश रह लेते हो
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यूँ ही भटकते रहते हैं अरमान तुझसे मिलने के, न ये दिल ठहरता है न तेरा इंतज़ार रुकता है
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